Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 11:01 AM
सिविल अस्पताल में शनिवार को पूर्व भाजपा जिला प्रधान प्रवीण बांसल और सिविल अस्पताल के डाक्टर हरप्रीत बैंस के बीच हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। दोनों पक्ष आज भी पुलिस को दी गई शिकायतों पर कार्रवाई करने को लेकर कहते रहे। आज डाक्टरों ने डा. हरप्रीत की...
लुधियाना(सहगल): सिविल अस्पताल में शनिवार को पूर्व भाजपा जिला प्रधान प्रवीण बांसल और सिविल अस्पताल के डाक्टर हरप्रीत बैंस के बीच हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। दोनों पक्ष आज भी पुलिस को दी गई शिकायतों पर कार्रवाई करने को लेकर कहते रहे। आज डाक्टरों ने डा. हरप्रीत की शिकायत पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया। आज अस्पताल की एमरजैंसी, ओ.पी.डी. तथा पोस्टमार्टम सभी सेवाएं बंद रखी गईं जिस कारण मरीजों का बुरा हाल रहा। न तो डाक्टर भर्ती मरीजों को देखने गए और न ही आए हुए मरीजों का उपचार किया। डाक्टरों की इस हड़ताल का खमियाजा एक गर्भवती महिला को भुगतना पड़ा।
महिला वार्ड में 28 अक्तूबर को दाखिल हुई 7 माह की गर्भवती कोमलप्रीत कौर निवासी रणजोत पार्क हैबोवाल को 29 अक्तूबर की रात 1 बजे तेज दर्द शुरू हो गई। लेकिन 30 अक्तूबर को सुबह 7 बजे उसका स्कैन किया गया जिसमें पता चला कि उसके गर्भ में बच्चे की मौत हो चुकी है। लेकिन दोपहर 1 बजे तक किसी डाक्टर ने उसकी सुध नहीं ली और उसे आप्रेशन से साफ मना करते रहे। डाक्टरों का कहना था कि वे हड़ताल पर हैं इसलिए उसका आप्रेशन नहीं कर सकते। यह सब देख मीडिया ने दबाव बनाया तो डाक्टरों ने दोपहर 2 बजे उसका आप्रेट कर मृत बच्चे को बाहर निकाला। इसी तरह टांग में फ्रैक्चर के उपचार के लिए मरीज डाक्टरों का इंतजार करता रहा। अस्पताल में आए एक बच्चे, जिसके गले में सिक्का फंसा हुआ था, को भी वापस जाने को कहा गया। डेंगू वार्ड में मरीजों की आंखों में मौत का खौफ साफ देखा जा रहा था। किसी को दवा नहीं मिल रही थी तो किसी को प्लेटलैट नहीं। मरीज डाक्टरों को उपचार की दुहाई दे रहे थे। वहीं प्रोडक्शन वारंट पर आए एक बंदी को भी बिना उपचार करवाए वापस जाना पड़ा।
पी.सी.एम.एस. स्पैशलिस्ट अविनाश जिंदल ने कहा कि पूर्व भाजपा प्रधान ने डाक्टर को धमकियां दीं और बढ़ा-चढ़ाकर मैडीको लीगल केस बनाने को कहा परंतु जब डाक्टर नहीं माना तो उस पर आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत कर दी। इस पर डाक्टर ने 100 नंबर पर पुलिस के अलावा 104 नम्बर पर शिकायत करने के उपरांत पुलिस को लिखित शिकायत कर दी परंतु 36 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। डा. जिंदल ने कहा कि डा. हरप्रीत पर लगाए गए आरोप वापस लिए जाएं और पूर्व भाजपा प्रधान डाक्टरों से माफी मांगें या फिर पुलिस डाक्टर की शिकायत पर मामला दर्ज करे, तभी यह हड़ताल खत्म हो सकती है।