Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 09:40 PM
लुधियाना नगर निगम चुनाव के लिए आज सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान झड़पों की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शाम चार बजे शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। शाम चार बजे तक 65 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। निगम के 5 वार्डों के लिए कुल 494 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। शहर...
लुधियाना: लुधियाना नगर निगम चुनाव के लिए आज सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान झड़पों की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शाम चार बजे शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। शाम चार बजे तक 59.08 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। निगम के 95 वार्डों के लिए कुल 494 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। शहर के दस लाख पांच हजार मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कुल 95 सीटों पर मुकाबला इस बार तिकोना है तथा कांग्रेस, अकाली दल, भाजपा और आम आदमी पार्टी-लोक इंसाफ पार्टी गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है।
जानकारी के अनुसार शहर में कुछ वार्डों में विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच झड़पें हुईं लेकिन हिंसा की कोई बड़ी वारदात की खबर नहीं है। सुबह बारिश के कारण लोग घरों से मतदान करने कम ही निकले जिससे मतदान की गति धीमी रही लेकिन मौसम साफ होते ही मतदान ने गति पकड़ ली। नौजवानों, बुजुर्गों से लेकर महिलाओं ने मतदान में दिलचस्पी दिखाई। मतगणना 27 फरवरी को होगी। कांग्रेस ने सभी 95 सीटों पर तथा अकाली दल 48 सीटों तथा भाजपा ने 46 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। लोक इंसाफ पार्टी 5 तथा आप 28 सीटों पर चुनाव मैदान में हैं।
राज्य के सबसे बड़े निगम के लिए सभी पार्टियां अंत तक चुनाव प्रचार में लगी रहीं। कई सीटों पर बागी उम्मीदवार भी किस्मत आजमा रहे हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में कांग्रेस 28 तथा अकाली दल सात नेताओं को पार्टी से निकाल चुकी है। इस चुनाव में सीवरेज, पेयजल, निगम में भ्रष्टाचार, गंदे नाले की सफाई तथा कुछ इलाकों में दूषित जल की समस्या सहित कई ऐसे मुद्दे हैं जिनका हल अब तक कोई नहीं कर सका है। सभी दलों ने आश्वासन दिए लेकिन सत्ता में आने पर असली मुद्दों को भूल गए। ज्ञातव्य है कि दिसंबर में तीन नगर निगम जालंधर, अमृतसर और पटियाला के चुनाव हुए और तीनों में कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिली थी।