Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 02:23 PM
अब हाइवे पर चलने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का मोबाइल से आपराधिक रिकार्ड निकाल कर जहां मौके पर खड़ी पंजाब पुलिस की नाका टीम आरोपी की किसी भी साजिश को कुछ ही मिनटों में बेनकाब कर सकेगी।
कपूरथला (भूषण): अब हाइवे पर चलने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का मोबाइल से आपराधिक रिकार्ड निकाल कर जहां मौके पर खड़ी पंजाब पुलिस की नाका टीम आरोपी की किसी भी साजिश को कुछ ही मिनटों में बेनकाब कर सकेगी।
वहीं पंजाब पुलिस द्वारा गत दिनों प्रदेश भर में लांच किए गए पंजाब आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस सिस्टम की मदद से प्रदेश के 400 थानों की पुलिस गत कुछ दिनों के दौरान जेलों से छूटे 35,000 हवालातियों की फोटो व उनका आपराधिक रिकार्ड प्रदेश के थानों में तैनात सभी एन.जी.ओ. रैंक के अधिकारी अपने मोबाइल फोन से पंजाब पुलिस हैडक्र्वाटर चंडीगढ़ के नैटवर्क की मदद से मिनटों में निकाल सकेंगे। इस नई क्रांतिकारी तकनीकी स्कीम को डी.एस.पी. सब-डिवीजन कपूरथला संदीप सिंह मंड ने बुधवार को तीनों थानों की पुलिस व पी.सी.आर. टीमों में लांच किया।
पायस सिस्टम की मदद से पंजाब पुलिस इकट्ठा कर चुकी है 35,000 अपराधियों का डाटा
पायस यानी कि पंजाब आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस सिस्टम की मदद से पंजाब पुलिस हैड क्वार्टर अब तक प्रदेश के 22 जिलों सहित 5 अन्य पुलिस जिलों में सक्रिय रहे उन 35,000 अपराधियों का डाटा, आपराधिक हिस्टरी तथा फोटो अपने नैटवर्क में अपलोड कर चुकी है जो कत्ल, लूट, छीनाझपटी, मारपीट तथा धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामलों को अंजाम देकर सलाखों के पीछे पहुंचे थे लेकिन इसी दौरान अदालतों से जमानत मिलने या बरी होने पर उक्त अपराधी जेलों से छूट गए थे।
ऐसे अपराधियों का डाटा इकट्ठा करने के लिए जहां इन्हें विशेष पुलिस टीमों की मदद से प्रदेश के विभिन्न थानों में बुला कर उनकी मोबाइल कैमरों की मदद से फोटो ली गई, वहीं दूरदराज के गांवों में पुलिस टीमों को भेज कर उनकी जानकारी इकट्ठी की गई। वहीं इस सिस्टम की मदद से अब पुलिस किसी भी वारदात या अपराध होने की सूरत में पीड़ित पक्ष को संदिग्ध अपराधियों के फोटो व पूरा डाटा दिखा कर ऐसे मामलों को सुलझा सकेगी।