Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 02:53 PM
आगामी नगर निगम चुनावों के मद्देनजर विकास करवाने संबंधी कांग्रेस द्वारा रखे टारगेट पर अकाली-भाजपा की प्लाङ्क्षनग उस समय लगातार दूसरी
लुधियाना (हितेश): आगामी नगर निगम चुनावों के मद्देनजर विकास करवाने संबंधी कांग्रेस द्वारा रखे टारगेट पर अकाली-भाजपा की प्लाङ्क्षनग उस समय लगातार दूसरी बार भारी पड़ गई। जब मेयर ने एक बार फिर फंड की कमी का मुद्दा बनाते हुए नए एस्टीमेट मंजूर करने से इंकार कर दिया। इस मुद्दे पर एफ. एंड सी.सी. की मीटिंग में हंगामा भी हुआ।
यहां बताना उचित होगा कि पिछली बार हुई एफ. एंड सी.सी. की मीटिंग यह कहकर रद्द की गई थी कि जब निगम के खजाने में पैसा ही नहीं है तो नए प्रस्ताव पास करने का क्या फायदा क्योंकि पहले से जारी वर्क आर्डरों से संबंधित विकास कार्य या तो अभी साइट पर शुरू ही नहीं हुए या फिर अधर में लटके हुए हैं। इसकी वजह बकाया बिलों की पेमैंट न मिलने के विरोध में ठेकेदारों द्वारा की गई हड़ताल को बताया गया। उसका हल निकालने के लिए बैंक लोन के रूप में 25 करोड़ रिलीज करवाकर ठेकेदारों को बांटे गए तथा कोर्ट द्वारा अटैच किए गए बैंक अकाऊंट में पड़े और 25 करोड़ रिलीज करवाने की आस में दोबारा मीटिंग रखी गई।
जानकारी के मुताबिक वीरवार की मीटिंग में पहले रद्द हुई मीटिंग के एजैंडे के अलावा कुछ नहीं प्रस्ताव भी शामिल किए गए थे। जबकि कांग्रेस पार्षद बलकार संधू, जय प्रकाश, गुरप्रीत गोगी, नरेन्द्र काला, महाराज राजी आदि अपने वार्डों में होने वाले एस्टीमेटों को मंजूरी दिलवाने के लिए पहुंच गए। इस पर मेयर ने कहा कि टेबल आइटमों पर बाद में विचार किया जाएगा। लेकिन जनरल प्रस्ताव पास होने के बाद अकाली-भाजपा मैंबरों ने एक बार फिर से फंड की कमी का हवाला देते हुए नए एस्टीमेट पास करने से इंकार कर दिया। इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इसके तहत कांग्रेस मैंबर बलकार संधू ने पहले पास हुए प्रस्तावों पर अपनी सहमति न देने का ऐलान किया। साथ ही यह मुद्दा भी उठाया कि जब फंड न आने की बात पता थी तो दोबारा मीटिंग रखी ही क्यों गई। संधू के मुताबिक एक प्लाङ्क्षनग के तहत लगातार दूसरी बार कांग्रेसी पार्षदों के वार्डों में होने वाले विकास कार्यों पर रोक लगाई गई है, जिसे लेकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगले महीने मैंबर की टर्म खत्म होने के बाद यह प्रस्ताव मंजूर करवाए जाएंगे।