Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 02:49 PM
पैट्रोलियम कम्पनियों द्वारा अपनाई जाने वाली संभावित नई नीतियों से आहत पंजाबभर के करीब 3300 पैट्रो कारोबारियों की हालत मौजूदा समय के दौरान आगे कुआं पीछे खाई समान बनी हुई बताई जा रही है।
लुधियाना(खुराना): पैट्रोलियम कम्पनियों द्वारा अपनाई जाने वाली संभावित नई नीतियों से आहत पंजाबभर के करीब 3300 पैट्रो कारोबारियों की हालत मौजूदा समय के दौरान आगे कुआं पीछे खाई समान बनी हुई बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि अगर वे अपना कारोबार कम्पनियों द्वारा उन पर थोपी जा रही संभावित पॉलिसी के बाद नियमित जारी रखते हैं तो ऐसे में जहां कई छोटे कारोबारी टे्रड से किनारा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जबकि पैट्रोल पम्पों के रूप में लगी उनकी खून-पसीने की कमाई उन्हें ऐसे गंभीर कदम उठाने की इजाजत नहीं देगी। ऐसे में यह बड़ा सवाल उभरकर कारोबारियों के सामने आने लगा है कि आखिर वे करें तो क्या करें। कुछ दिनों से ट्रेड पर यह चर्चा छिड़ी हुई है कि पैट्रोलियम कम्पनियों द्वारा कारोबारियों पर अपने पैट्रोल पम्पों पर कार्यरत कारिंदों को मिनिमम वेजिज पॉलिसी जो केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई है, लागू करने की बात की जा रही है, जबकि ट्रेड से संबंधित कारोबारियों का मानना है कि वे अपना कारोबार तो पंजाब राज्य की सीमाओं में चला रहे हैं और उन पर सभी कायदे-कानून व सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य सुविधाएं तो पंजाब राज्य की लागू होती हैं तो फिर लेबर लॉ कैसे केन्द्र सरकार द्वारा तय किया गया मान्य हो सकता है।
पैट्रो डीलर्स का मानना है कि जहां पर किसी स्टेट द्वारा तय किया गया श्रम कानून पहले से ही लागू हो, वहां पर आखिर केन्द्र सरकार का लेबर लॉ कैसे लागू किया जा सकता है। एक ओर जहां पैट्रोलियम कम्पनियों के अधिकारी केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई मिनिमम वेजिज पॉलिसी को पूरे देशभर में लागू करने की बात करके उक्त कानून को जल्द से जल्द पैट्रो डीलरों पर लागू करवाने में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर डीलरों का मानना है कि केन्द्र सरकार का यह कानून मात्र दिल्ली, मुम्बई, चंडीगढ़, बेंगलूर आदि शहरों के लिए मान्य होगा। इसलिए कहा जा सकता है कि केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई नई पॉलिसी को लेकर पैट्रो कारोबारियों की दुविधा ज्यों की त्यों बनी हुई है।