Edited By Updated: 20 Feb, 2017 11:10 AM
नगर निगम के स्लाटर हाऊस में पक्के तौर पर डाक्टर की नियुक्ति न होने के कारण शहर में ज्यादातर मीट विक्रेता बिना जांच करवाए खुले आसमान के तले ही मीट बेच रहे हैं। निगम की तरफ से मीट की दुकानों पर बिक रहे मीट की भी जांच नहीं की जा रही।
पटियाला (बलजिन्द्र) : नगर निगम के स्लाटर हाऊस में पक्के तौर पर डाक्टर की नियुक्ति न होने के कारण शहर में ज्यादातर मीट विक्रेता बिना जांच करवाए खुले आसमान के तले ही मीट बेच रहे हैं। निगम की तरफ से मीट की दुकानों पर बिक रहे मीट की भी जांच नहीं की जा रही। इस कारण लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। दूसरी तरफ शहर में रेहडियों पर खाने-पीने वाला सामान भी खुलेआम बेचा जा रहा है। सेहत विभाग का रिकार्ड चैक किया जाए तो सड़कों पर सरेआम बेचे जा रहे इन खाद्य पदार्थों की पिछले लंबे समय से कोई चैकिंग नहीं हुई। नियमों के मुताबिक दुकानों पर बिकने वाले मीट की पहले स्लाटर हाऊस में जांच करके मोहर लगी होनी चाहिए, परंतु पिछले काफी समय से ज्यादातर दुकानों पर बिना मोहर से ही मीट बेचा जा रहा है।
रेहडियों में भी लगातार हो रही है वृद्धि
शहर में खाने-पीने वाले सामान की रेहडियों में भी लगातार वृद्धि हो रही है। नगर निगम के सेहत विभाग की तरफ से चैकिंग न होने के कारण रेहडियां वाले भी खुले में सामान बेच रहे हैं। शहर के हर इलाके में खाने-पीने के सामान वाली रेहडियों में वृद्धि हो रही है। जहां सफाई नाम की कोई चीज नहीं और न ही इनको कोई पूछने वाला है।
स्लाटर हाऊस की बिल्डिंग की खस्ता हालत
नगर निगम के घलोड़ी गेट स्थित स्लाटर हाऊस की बिल्डिंग खस्ता हालत में है। पिछले कई सालों से इसी बिल्डिंग में हर तरह के मीट की जांच की जाती है। परंतु अब बिल्डिंग की खस्ता हालत होने के कारण पिछले कई महीनों से मीट की जांच नहीं की जा रही।
नगर निगम का करोड़ों रुपए का बजट होने के बावजूद स्लाटर हाऊस की बिल्डिंग की मुरम्मत की तरफ भी कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। स्लाटर हाऊस की मौजूदा समय हालत ऐसी है कि लोगों का वहां से निकलना भी कठिन हुआ पड़ा है। हालांकि नगर निगम ने नया स्लाटर हाऊस बनाने को लेकर जनरल हाऊस में प्रस्ताव पास किया था, परंतु अभी तक न तो स्लाटर हाऊस बना और न ही पुराने की हालत में कोई सुधार किया गया।
निगम के पास 2 सालों से हैल्थ अफसर ही नहीं
नगर निगम के हैल्थ ब्रांच में हैल्थ अफसर का पद पिछले काफी समय से खाली पड़ा है। लगभग दो सालों से नगर निगम के पास हैल्थ अफसर ही नहीं है तो फिर नगर निगम की तरफ से तो जांच का सवाल ही पैदा नहीं होता। स्लाटर हाऊस से मोहर न लगवाने वालों के खिलाफ किसी कार्रवाई की कोई संभावना नहीं है। ऐसी हालत कुछ सेहत विभाग की है। सिर्फ गर्मियों के दिनों में काटे हुए फल और सोडा वाटर की कभी कभार चैकिंग कर दी जाती है। जबकि नगर निगम के हैल्थ अफसर की ड्यूटी होती है कि वह समय-समय पर खाने-पीने वाली चीजों की जांच करे।
एक्सपायरी डेट वाला भी बिक रहा है सामान
शहर की कई दुकानों पर एक्सपायरी डेट वाला सामान भी बिक रहा है। आम लोगों को हर पैकिंग वाला सामान खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट चैक करनी चाहिए। पिछले समय दौरान नामी बड़े आऊटलैट्स की शिकायतें मीडिया तक पहुंचीं, परंतु ये शिकायतें सिर्फ फाइलों में दब कर रह गईं।