Edited By Updated: 09 Feb, 2017 01:46 AM
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.पी.सी.) के चुनाव 26 फरवरी को हो रहे हैं। इस बार के....
जालंधर(इलैक्शन डैस्क): दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.पी.सी.) के चुनाव 26 फरवरी को हो रहे हैं। इस बार के चुनाव में अकाली दल और सरना गुट के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से पंथक सेवा दल ने भी इन चुनावों में सभी 46 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
डी.एस.जी.पी.सी. के चुनाव किन मुद्दों व विषय पर लड़े जाएंगे इसको लेकर पंजाब केसरी की तरफ से पंथक सेवा दल के कन्वीनर अवतार सिंह कालका के साथ विशेष बातचीत की गई। बातचीत के दौरान उनसे जाना गया कि पंथक सेवा दल के गठन और यह चुनाव लडऩे के पीछे कारण क्या हैं। कालका ने बताया कि उनका दल ये चुनाव एजुकेशन, हैल्थ और काम में पारदॢशता के मुद्दे पर लड़ रहा है। उनका दल चुनाव जीतता है तो इन 3 मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
चुनावी मुद्दे
-अकाली दल ने 4 वर्ष पहले यहां से चुनाव लडऩे के बाद सिख युवाओं के रोजगार के बारे में कुछ नहीं सोचा। पंथक सेवा दल जीतने के बाद युवाओं के लिए रोजगार के साधन मुहैया करवाएगा।
-1984 के दंगा पीड़ितों पर राजनीति सभी दलों ने की है लेकिन उनका ख्याल किसी ने नहीं रखा। जो उन्हें मूलभूत सुविधाएं चाहिएं वे सभी पंथक दल मुहैया करवाएगा।
-गुरुघर की गोलक का उपयोग गरीबों की मदद के लिए किया जाएगा। कालका ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब को 80 करोड़ रुपए का वार्षिक चढ़ावा आता है लेकिन उसका उपयोग सही नहीं होता। पंथक दल इस पैसे का उपयोग गरीबों की भलाई और मदद के लिए करेगा।
-जब उनसे खुद के चुनाव न लडऩे की बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह यह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनके दल का एकमात्र मकसद सिस्टम में आई खामियों को ठीक करना है। सिस्टम ठीक होने से लोगों को सुविधाएं मिलने में आसानी होगी।
-कालका ने कहा कि धर्म को ठीक करने के लिए हम राजनीति का उपयोग कर रहे हैं।
-कालका ने बताया कि डी.एस.जी.पी.सी. की बागडोर परमजीत सिंह सरना आदि के पास साढ़े 8 और 4 वर्ष से अकाली दल बादल के पास है लेकिन इन दोनों दलों ने सिखों की भलाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए। अकाली दल बादल ने कहा था बाला साहिब अस्पताल की हालत में सुधार किया जाएगा लेकिन कोई भी सुधार नहीं हुआ। डी.एस.जी.पी.सी. की गोल्डन जुबली मनाई गई लेकिन काम कुछ नहीं किया गया।
-पंथक सेवा दल जन कल्याण के मकसद से 4 मॉडल स्कूल खोलेगा। यहां बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति कर सस्ती शिक्षा दी जाएगी। साथ में इन स्कूलों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाया जाएगा।
-भाई घनइया के नाम पर आधुनिक लैबोरेटरीज खोली जाएंगी जहां सस्ती दरों पर लोगों के मैडीकल टैस्ट होंगे और हर वार्ड में एम्बुलैंस का प्रबंध किया जाएगा।
इस बार होगा त्रिकोणीय मुकाबला
पंजाब विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद भले ही राजनीतिक हलचल थम गई हो लेकिन अब पंजाब की एक सियासी झलक दिल्ली में देखने को मिलेगी। आगामी 26 फरवरी को होने जा रहे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस. जी.पी.सी.) के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से चुनावी मैदान में होंगे। हालांकि इस बार कुल 6 पार्टियां चुनाव लड़ेंगी, पर अहम मुकाबला शिरोमणि अकाली दल (बादल गुट), शिरोमणि अकाली दल (सरना गुट) और ‘आप’ से संबंधित पंथक सेवा दल के बीच माना जा रहा है। (डी.एस.जी.पी.सी.) की 46 सीटों के लिए करीब 3.75 लाख वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। पिछले चुनाव में अकाली दल (बादल) 37 सीट जीतकर (डी.एस. जी.पी.सी.) में बहुमत से सत्ता में आया था। अकाली दल (सरना) को 8 सीटें मिली थीं। पंजाब के विधानसभा चुनाव की तरह यहां भी पंथक सेवा दल के आने से चुनावी समीकरण बदल गए हैं और मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
डी.एस.जी.पी.सी. चुनाव
-26 फरवरी वोट डालने की तारीख
-1 मार्च को घोषित होंगे परिणाम
-3.75 लाख कुल वोटर
-8 लाख कुल सिख हैं दिल्ली में
-53 हैं डी.एस.जी.पी.सी. मैंबर्ज
-46 निर्वाचित मैंबर्ज
-2 सहयोजित मैंबर्ज
-2 मैंबर्ज हैं सिंह सभा के
-1 एस.जी.पी.सी. नामंकित