Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 02:49 PM
अमरसन पोलीमर्स फैक्टरी का अवैध निर्माण होने को लेकर चल रही तरह-तरह की अटकलों पर आखिर विराम लग गया है, जिसके तहत नक्शा पास करवाए बिना ऊपरी मंजिल का निर्माण करने के आरोप में 2015 दौरान डाला गया चालान नगर निगम के रिकार्ड में मिल गया है। यहां कि...
लुधियाना(हितेश) : अमरसन पोलीमर्स फैक्टरी का अवैध निर्माण होने को लेकर चल रही तरह-तरह की अटकलों पर आखिर विराम लग गया है, जिसके तहत नक्शा पास करवाए बिना ऊपरी मंजिल का निर्माण करने के आरोप में 2015 दौरान डाला गया चालान नगर निगम के रिकार्ड में मिल गया है। यहां कि बिल्डिंग ब्रांच के स्टाफ द्वारा असैसमैंट कर 10.45 लाख रुपए जुर्माना लगाने के रूप में बिल्डिंग को कंपाऊंड भी किया हुआ है।इस मामले में सबसे ज्यादा यही मुद्दा गर्माया हुआ था कि मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण नगर निगम की मंजूरी के बिना किया गया है।
इस पहलू को लेकर नगर निगम अधिकारियों ने अपने बचाव में आनन-फानन में दावा कर दिया कि 1974 के ले-आऊट में बिल्डिंग का पुराना बना हुआ स्ट्रक्चर नजर आ रहा है, जिसके आधार पर ही बिल्डिंग को 15 से 25 साल पुराना बताकर निगम के 17 साल तक के रिकार्ड में नक्शा या चालान न मौजूद होने की जानकारी भी अधिकारियों ने मीडिया को दे दी थी, लेकिन जब सी.एम. ने मौके का दौरा करके डिवीजनल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए तो नगर निगम अधिकारियों की सांसें थम गईं। कैप्टन के अलावा डिवीजनल कमिश्नर ने भी बिल्डिंग का अवैध निर्माण होने की स्थिति में मालिक के अलावा नगर निगम अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया है।
रिकार्ड खंगालने में लगे स्टाफ को उस समय राहत मिली, जब शुक्रवार को वह चालान मिल गया जो अवैध निर्माण के आरोप में 2015 के दौरान जारी किया गया था।इसकी पुष्टि करते हए टाऊन प्लानर सुरेन्द्र बिन्द्रा ने बताया कि यह बिल्डिंग इंडस्ट्रियल एरिया में बनी हुई है, जिसकी अढ़ाई मंजिलें पुरानी बनी हुई थीं और नियमानुसार फ्रंट पर 15 फुट जगह खाली छोडऩे के बाद 60 फुट ऊंचा निर्माण किया जा सकता है, जबकि एफ.ए.आर. की कोई शर्त नहीं है। इसी के आधार पर 2016 में ऊपर की 3 मंजिलों के निर्माण की असैसमैंट करके 10.45 लाख रुपए का जुर्माना भी बनाया गया था, जिसकी वसूली के लिए मालिक को उस समय कॉल मीमो तक जारी किया हुआ है।
मजबूती के नाम पर डाले पिलर व सरिया बने तबाही की वजह
मौके पर बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे नगर निगम की बी. एंड आर. शाखा के कई अधिकारियों ने बताया कि बिल्डिंग निर्माण में इंजीनियरिंग के पहलू को पूरी तरह नजर अंदाज किया गया है, क्योंकि नीचे पुराना स्ट्रक्चर बना हुआ है, जिसके लिए हुई मिट्टी की चिनाई साफ नजर आ रही है। हालांकि उसे मजबूत करने के लिए कुछ पिलर डाले गए हैं, लेकिन वे सैंटर की जगह साइड में दिखाई दे रहे हैं, जबकि ऊपरी मंजिलों पर काफी बड़े डाऊन बीम बनाने सहित भारी मात्रा में सरिया डाला गया है जिनके वजन को धमाका होने के दौरान बिल्डिंग का निचला हिस्सा सहन नहीं कर पाया। अब उसी सरिए के जाल ही बचाव कार्यों व मलबा हटाने में रुकावटें पैदा कर रहे हैं।