Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 04:05 PM
महानगर में नगर निगम द्वारा बनाए गए नाइट शैल्टर महज दिखावा बन कर रह गए हैं। गरीब लोग सड़कों किनारे व फुटपाथों पर कड़कती ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन व नगर निगम यह सब देख आंखें मूंदे हुए है। केन्द्र सरकार ने कुछ समय पहले लुधियाना में...
लुधियाना(हितेश): महानगर में नगर निगम द्वारा बनाए गए नाइट शैल्टर महज दिखावा बन कर रह गए हैं। गरीब लोग सड़कों किनारे व फुटपाथों पर कड़कती ठंड में रात गुजारने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन व नगर निगम यह सब देख आंखें मूंदे हुए है। केन्द्र सरकार ने कुछ समय पहले लुधियाना में नाइट शैल्टर बनाने के लिए करीब 60 लाख की ग्रांट रिलीज की थी। उस पैसे को खर्च करने के लिए नगर निगम ने मोती नगर में पड़ी जगह का चयन किया।
जहां नाइट शैल्टर काफी देर से बनकर तैयार है लेकिन बिजली कनैक्शन न मिलने के इंतजार में आप्रेशनल न होने कारण शोपीस बनकर रह गया है। यही हाल हैबोवाल डेयरी काम्प्लैक्स में बने नाइट शैल्टर का भी है क्योंकि इन दोनों नाइट शैल्टरों के नजदीक न तो बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन हैं और न ही कोई धार्मिक स्थान। शहर से काफी दूर होने के कारण लोग इन दोनों नाइट शैल्टर तक नहीं पहुंच पाते और रात को सड़कों पर ठिठुरने को मजबूर हैं।