Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 12:18 PM
जिस नैशनल हाईवे के निर्माण के लिए मलिकपुर से अमृतसर तक 100 किलोमीटर से अधिक सड़क बनाने के लिए विशाल इमारतें तोड़ दी गईं, लाखों वृक्षों को काट दिया गया तथा दुकानें गिरा कर लोगों से रोजगार तक छीन लिया गया, वही नैशनल हाईवे इस समय गुरदासपुर शहर में...
गुरदासपुर(विनोद): जिस नैशनल हाईवे के निर्माण के लिए मलिकपुर से अमृतसर तक 100 किलोमीटर से अधिक सड़क बनाने के लिए विशाल इमारतें तोड़ दी गईं, लाखों वृक्षों को काट दिया गया तथा दुकानें गिरा कर लोगों से रोजगार तक छीन लिया गया, वही नैशनल हाईवे इस समय गुरदासपुर शहर में दोनों तरफ बरियार बाईपास चौक तथा बबरी बाईपास चौक सड़क हादसों का कारण बना हुआ है। इस 100 किलोमीटर लम्बे नैशनल हाईवे पर बने 2 टोल प्लाजा पर टोल राशि तो हर साल बढ़ा दी जाती है जबकि सुविधाएं कम की जा रही हैं।
क्या कहानी है इस 100 किलोमीटर लम्बे नैशनल हाईवे की
मलिकपुर से अमृतसर तक लगभग 100 किलोमीटर के इस नैशनल हाईवे को बनाने के लिए केन्द्र सरकार का लगभग 1,445 करोड़ रुपए खर्च आया था। वर्ष 2014 में यह नैशनल हाईवे चालू किया गया था। इस नैशनल हाईवे के निर्माण के लिए कई इमारतें गिराई गईं। किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया गया। केवल नौशहरा मझा सिंह में ही 200 से अधिक दुकानों को तोड़ा गया जबकि इसके अतिरिक्त कई अन्य व्यापारिक संस्थानों को बंद किया गया था। बेशक ये सारी जमीनें सरकार ने मुआवजा राशि देकर अधिग्रहित की थीं, परंतु किसानों को जमीन का नाममात्र ही मोल दिया गया था।
सभी लोग इस बात को लेकर खुश थे कि चलो जमीनें देकर नैशनल हाईवे का निर्माण होता है तो इससे यातायात सुविधाएं भी लोगों को मिलेंगी परंतु किसान भी अब संघर्ष का रास्ता अपना रहे हैं कि उन्हें बहुत कम राशि देकर उनकी जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, जबकि लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि नैशनल हाईवे पर जो सुविधाएं लोगों को टोल अदा करने पर मिलनी चाहिएं, वे नहीं मिल रहीं।
सड़क हादसे आम बात
चौक पर फ्लाईओवर न होने के कारण यहां सड़क हादसे होना एक आम बात है, क्योंकि जैसे ही शहर में प्रवेश करने के लिए वाहन टर्न करते हैं तो विपरीत दिशा की तरफ से आने वाले वाहन से टक्कर होना स्वाभाविक है। केवल बरियार चौक में गत 3 साल में 2 दर्जन से अधिक लोग सड़क हादसों में मारे जा चुके हैं। गत समय दौरान बेअंत इंजीनियरिंग कालेज के 2 छात्र भी एक्सीडैंट होने पर दम तोड़ गए थे। यह चौक अब खूनी चौक के नाम से मशहूर हो चुका है। जब भी यहां एक्सीडैंट होता है तब प्रशासन यहां पर फ्लाईओवर बनाने की बात करता है लेकिन उसके बाद फिर भूल जाता है, जबकि इस चौक में सड़क हादसों के कारण कई बार यातायात जाम भी किया जा चुका है।
डिवाइडरों को तोड़ कर सुविधा अनुसार रास्ते बना लिए हैं लोगों ने
इस नैशनल हाईवे पर नैशनल हाईवे अथारिटी ने सारी सड़कों के बीच डिवाइडर बना रखा है तथा उस पर सुंदर पौधे भी लगा रखे हैं। अथारिटी ने निश्चित स्थलों पर डिवाइडरों के बीच कट लगाकर रास्ते बना रखे हैं ताकि लोग यदि सड़क की दूसरी तरह जाना चाहें तो इन डिवाइडरों के बीच बने कट का प्रयोग कर सकें। इन सभी कट्स पर नियम अनुसार खुला स्पेस भी रखा गया है, परंतु यदि इस नैशनल हाईवे का दौरा किया जाए तो अधिकतर स्थानों पर लोगों ने अपनी सुविधा तथा इच्छानुसार डिवाइडरों को तोड़ कर रास्ते बना रखे हैं जो सड़क हादसों का कारण बनते हैं। इस सड़क पर नैशनल हाईवे अथारिटी तथा टोल वसूल करने वाली कम्पनी के अधिकारी आम पैट्रोङ्क्षलग करते देखे जाते हैं, परंतु वे इन अनाधिकृत बने कट्स को समाप्त करने संंबंधी चुप्पी धारण किए बैठे हैं।