Edited By Updated: 22 Jan, 2017 08:45 AM
सरकारी मैडीकल कॉलेज ने वर्ष 2017 की कॉन्फ्रैंस (सी.एम.ई.) करवाने के लिए पी.जी. व फैकल्टी से पैसे वसूलने का फरमान जारी किया है।
अमृतसर (दलजीत): सरकारी मैडीकल कॉलेज ने वर्ष 2017 की कॉन्फ्रैंस (सी.एम.ई.) करवाने के लिए पी.जी. व फैकल्टी से पैसे वसूलने का फरमान जारी किया है। कॉलेज प्रशासन द्वारा पैसा एकत्र करने की जिम्मेदारी जहां मैडिसिन विभाग को सौंपी गई है, वहीं सभी विभाग प्रमुखों को 31 फरवरी से पहले पैसा जमा करवाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। कालेज प्रशासन द्वारा जारी फरमान का कुछ पी.जी. व फैकल्टीज ने दबी जुबान में विरोध करना शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार मैडीकल कॉलेज द्वारा 24 व 25 फरवरी को सी.एम.ई. 2017 (ए.एम.डी.ए.ए. एन.ए.) का कॉलेज में आयोजन किया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन ने सभी विभागों के प्रोफैसर, प्रमुखों व यूनिट प्रधानों को पत्र लिखकर कहा कि उक्त कॉन्फ्रैंस में फैकल्टी (डाक्टर व टीचर) के लिए 1500 रुपए व पी.जी. (मैडीकल विषय की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी) के लिए 1200, रजिस्ट्रेशन फीस निर्धारित की गई है। अधिकारी 31 फरवरी से पहले अपनी रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाना सुनिश्चित करें। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मैडीकल शिक्षा व खोज विभाग में आज तक किसी भी उच्च अधिकारी ने कॉन्फ्रैंस के नाम पर फैकल्टी या पी.जी. से जबरदस्ती रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी उक्त फरमान को लेकर कुछ पी.जी. व फैकल्टीज ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
उक्त अधिकारियों की लगाई ड्यूटी
मैडीकल कॉलेज द्वारा कॉन्फ्रैंस के लिए बच्चा विभाग के प्रमुख डा. एम.एस. पन्नू, बच्चा विभाग के प्रोफैसर डा. करनैल सिंह को साइंटिफिक कमेटी का को-चेयरमैन नियुक्त किया है, जबकि मैडिसिन विभाग के डा. अशोक दुग्गल को ऑर्गेनाइजिंग सचिव बनाया गया है। कमेटी के को-चेयरमैन के पास फैकल्टी व यूनियन रैजीडैंट्स के अपने-अपने रिसर्च पेपर या पोस्टर फार्म 30-1-2017 तक जमा करवाएंगे, जबकि कमेटी के सचिव के पास विभागों के प्रमुख 31-1-2017 तक अपनी रजिस्टे्रशन करवाएंगे।
पी.जी. व फैकल्टी में रोष
मैडीकल कॉलेज में 300 के करीब पी.जी. व 200 के करीब फैकल्टी स्टाफ मौजूद है। उक्त कॉन्फ्रैंस के लिए पैसे के नाम पर रजिस्ट्रेशन करने को लेकर कुछ पी.जी. व फैकल्टी स्टाफ कॉलेज प्रशासन से नाराज है। अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर डाक्टरों व पी.जी. ने कहा कि कॉलेज प्रशासन जबरदस्ती उनसे पैसे वसूल रहा है। नियमों को ताक पर रखकर फरमान जारी किया गया है। वे इसलिए खुलकर सामने नहीं आ रहे कि कहीं उच्चाधिकारी उनको नुक्सान न पहुंचाएं।
मैडीकल कॉलेज प्रशासन द्वारा आज तक कॉन्फ्रैंस के लिए किसी भी फैकल्टी या पी.जी. को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सुनिश्चित करने का विभाग प्रमुखों पर दबाव नहीं बनाया गया है। कॉन्फ्रैंस के नाम पर जारी कलैक्शन वाला पत्र निंदनीय है। नियमों के अनुसार स्टाफ की मर्जी होती है कि वह कॉन्फ्रैंस में शामिल हो या न हो।
डा. आर.एस. सिद्धू, पूर्व प्रधान टीचर एसो. मैडीकल कॉलेज (सेवामुक्त प्रोफैसर फिजियोलॉजी विभाग
मैडीकल शिक्षा व खोज विभाग के इतिहास में आज तक कभी भी कॉन्फ्रैंस के नाम पर जबरदस्ती रजिस्ट्रेशन करवाने वाला यकीनी लिखा शब्द पत्र जारी नहीं हुआ है। फैकल्टी व पी.जी. को कॉन्फ्रैंस में शामिल करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। मैडीकल कॉलेज द्वारा कॉन्फ्रैंस की कोई जानकारी भी नहीं दी गई है, उक्त जारी पत्र निंदनीय है।
डा. संतोख सिंह., प्रधान ए.एम.सी.ए.ए., पूर्व प्रिंसीपल मैडीकल कॉलेज
कॉलेज में होने वाली कॉन्फ्रैंस में फैकल्टी तथा पी.जी. को जबरदस्ती शामिल नहीं किया जा रहा है। डाक्टरों की मर्जी है कि वह कॉन्फ्रैंस में आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएं या न करवाएं। कॉलेज प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर उक्त कॉन्फ्रैंस का आयोजन किया जा रहा है। बाहर से आने वाले डाक्टरों तथा कॉन्फ्रैंस में शामिल स्टाफ के लिए खाने-पीने तथा क्लीनिकल मैटीरियल के लिए पैसे एकत्र किए जा रहे हैं। उच्च अधिकारियों के ध्यान में यह मामला है।
डा. बी.एस. बल्ल, प्रिंसीपल मैडीकल कॉलेज