सरकारी अमले में फेरदबल की सुगबुगाहट

Edited By Updated: 22 Jan, 2017 10:35 AM

murmurs in the state apparatus of changing

पंजाब की नई सरकार बनने में अब कुछ समय ही शेष बचा है लेकिन प्रदेश सचिवालय से लेकर उपमंडल कार्यालयों में बैठे अधिकारियों में अभी से ही प्रशासनिक फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

जालंधर:पंजाब की नई सरकार बनने में अब कुछ समय ही शेष बचा है लेकिन प्रदेश सचिवालय से लेकर उपमंडल कार्यालयों में बैठे अधिकारियों में अभी से ही प्रशासनिक फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। नई सरकार के आने के बाद प्रशासनिक ढांचे में होने वाले बदलाव को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है। दिलचस्प यह है कि इस बार चुनाव तीन ध्रुवों में बंटते हुए दिख रहे हैं। अकाली-भाजपा व कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी की धमक भी चुनाव मैदान में मजबूती से देखने को मिल रही है। लिहाजा, सरकार को लेकर अधिकारियों में असमंजस की स्थिति तो है लेकिन अंदरखाते विभिन्न पदों पर अधिकारियों की तैनाती को लेकर लिस्टें बनने का दौर फिर शुरू हो चुका है। सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों की तैनाती को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह चर्चाएं मुख्य सचिव, डी.जी.जी., अतिरिक्त सचिवों, निदेशकों व बोर्ड अधिकारियों को लेकर अलग-अलग हैं। 

सत्ता बदलाव पर बदलेगा प्रशासनिक अमला
पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो पूरे प्रशासनिक ढांचे में फेरबदल होगा। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि पिछले 10 साल से पंजाब में चल रही गठबंधन की सरकार के दौरान तैनात अधिकारियों को अकाली-भाजपा नेताओं के बिल्कुल करीब माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस माइंडिड अधिकारियों की इस अवधि के दौरान जमकर अनदेखी हुई है, लिहाजा सत्ता में बदलाव के दौरान प्रशासनिक अमले में बदलाव निश्चित माना जा रहा है।

आप नेताओं ने भी बनाया है तालमेल
पंजाब विधानसभा में इस बार आम आदमी पार्टीभी मैदान में है। लिहाजा, पार्टी में कई नेता ऐसे हैं जिनका अधिकारियों से अच्छा तालमेल है। पार्टी के पास रिटायर्ड अधिकारी, संपादकों का एक ऐसा तबका है, जो पिछले कई सालों से शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में रहे। लिहाजा, अगर आप पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही तो कई ऐसे अधिकारियों को आगे आने का मौका मिलेगा जो अकाली और कांग्रेस की विचारधाराओं की बदौलत त्रस्त रहे हैं। 
2012 में धरी की धरी रह गई थी लिस्ट 
2012 के चुनावों के दौरान कई अधिकारी आश्वस्त थे कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ रही है। इसके लिए बाकायदा प्रदेश सचिवालय से लेकर पुलिस अमले में अधिकारियों की तैनाती को लेकर लिस्ट तक तैयार कर ली गई थी और पूरे सरकारी कार्यालयों में इस लिस्ट की चर्चा भी खूब देखने को मिली थी लेकिन अकाली-भाजपा के पुन: सत्ता में आते ही यह लिस्ट धरी की धरी रह गई।  

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