Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 09:13 AM
शहर के वातावरण में हवा कितनी साफ है या कितनी प्रदूषित इस बात की मॉनीटरिंग के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा 31 दिसम्बर से पहले-पहले स्थानीय सॢकट हाऊस में कंट्यूज एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग मशीन (सी.ए.ए. क्यू.एम.) इंस्टाल किए जाने को हरी झंडी...
जालंधर (बुलंद): शहर के वातावरण में हवा कितनी साफ है या कितनी प्रदूषित इस बात की मॉनीटरिंग के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा 31 दिसम्बर से पहले-पहले स्थानीय सॢकट हाऊस में कंट्यूज एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग मशीन (सी.ए.ए. क्यू.एम.) इंस्टाल किए जाने को हरी झंडी मिलने के बाद से ही यह सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं कि आखिर विभाग शहर के हरियाली वाले एरिया सॢकट हाऊस में ही क्यों इस मशीन को इंस्टाल करने जा रहा है। क्या विभागीय अधिकारी चाहते हैं कि जब मशीन एयर इंडैक्स मापे तो प्रदूषण कम दर्ज हो और विभाग अपनी पीठ थपथपा सके।
मामले की पूरी जानकारी के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू से बात की तो उन्होंने बताया कि असल में इस मशीन को उस जगह पर इंस्टाल करना होता है जहां आबादी ज्यादा हो और जो शहर का सैंट्रल एरिया हो। अगर इस मशीन को इंडस्ट्रीयल एरिया या बाईपास के पास लगाएंगे तो मशीन ज्यादा प्रदूषण दिखाएगी क्योंकि उस एरिया में सीधे फैक्ट्रियों का धुआं और ट्रैफिक का प्रदूषण ज्यादा होगा।
उन्होंने बताया कि अमृतसर में यह मशीन दरबार साहिब के पास, लुधियाना में पी.ए.यू. में और मंडी गोङ्क्षबदगढ में देशभगत इंस्टीच्यूट में लगाई गई है। इसी प्रकार जालंधर में सॢकट हाऊस सबसे सही स्थान है जहां से मशीन शहर के वातावरण में प्रदूषण की एवरेज बता पाएगी। सॢकट हाऊस के पास हरियाली ज्यादा है तो यह प्रदूषण कम बताएगी यह सरासर गलत है क्योंकि इस मशीन ने शहर के आकाश में फैले पूरे वातावरण को आधार बनाकर ही डाटा पेश करना है न कि एक-आध किलोमीटर तक की ही एयर मॉनीटरिंग करनी है।
पन्नू ने बताया कि विभाग ने 3 मशीनें पंजाब में और लगाने का फैसला किया है। एक मशीन 80 लाख रुपए की खरीदी गई है। जालंधर, खन्ना और पटियाला में 31 दिसम्बर तक यह मशीनें लग जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन मशीनों से जहां एयर क्वालिटी का डाटा ऑनलाइन मिल सकेगा वहीं विभाग को इस बात का भी अंदाजा होगा कि कहां प्रदूषण बढ़ा है और कहां कम हुआ है। उन्होंने बताया कि इन मशीनों से हवा में सल्फर डाईआक्साइड, पी.एम.10, नाइट्रोजन, अमोनिया, कार्बन मोनोआक्साइड जैसी गैसों का लैवल भी पता चल पाएगा और एयर पाल्यूशन की सटीक इंफार्मेशन मिल पाएगी।