Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 04:59 PM
कांग्रेस ज्वांइन करने से लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट देने और डिप्टी सी.एम. व कैबिनेट मंत्री बनने तक को लेकर चल रही पार्टी की सियासत अभी थमी नहीं है।
चंडीगढ़/अमृतसरः कांग्रेस ज्वांइन करने से लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट देने और डिप्टी सी.एम. व कैबिनेट मंत्री बनने तक को लेकर चल रही पार्टी की सियासत अभी थमी नहीं है। निकाय व पर्यटन मंत्री बनने के बाद भी नवजोत सिद्धू ने महकमे के विस्तार की मांग उठाकर कैप्टन अमरेंद्र सिंह के लिए थोड़ी मुश्किलें पेश की थीं। उसके बाद से लेकर आज तक लगातार अपने आक्रामक रवैये के चलते काग्रेसियों में जगह बनाने वाले सिद्धू को मौका मिलते ही किनारे कर दिया जाता रहा है। सियासी कूटनीति का यह सिलसिला निकाय चुनाव के बाद अब मेयरों के चुनाव में भी जारी है। शायद यही वजह है कि तीनों में से किसी भी शहर में मेयरों के चुनाव को लेकर सिद्धू की आधिकारिक तौर पर ड्यूटी नहीं लगाई गई है। हालांकि, विभागीय मंत्री होने के नाते सिद्धू की मौजूदगी को दरकिनार नहीं किया जा सकता।
इसी विषय पर जब नवजोत सिंह सिद्धू से सवाल किया गया कि वह मेयरों की घोषणा से संबंधित समारोह में जाएंगे तो उन्होंने कहा कि कैप्टन साहिब ने जो किया ठीक किया। कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ तथा अन्य मंत्री इस विषय पर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा मैं वहां नहीं जा रहा क्योंकि बिन बुलाए मैं सिर्फ दरबार साहिब जाता हूं,दुर्गियाना मंदिर जाता हूं इसके अलावा मैं कहीं नहीं जाता। सिद्धू के ऐसे बयान से साफ जाहिर होता है कि कैप्टन अमरेंद्र से उनके रिश्ते की खटास अभी भी बरकरार है। सिद्धू खुद निकाय मंत्री है। देखा जाए तो निगम उन्हीं के विभाग के अंतर्गत आते हैं, इसके बावजूद सिद्धू को मेयर चुनाव मामले से दूर रखा गया।
बता दें पंजाब सरकार ने तीन शहरों जालंधर, अमृतसर व पटियाला के मेयरों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि 23 व 25 को इसकी घोषणा होनी है। मुख्यमंत्री आवास से मेयरों के चयन को लेकर चार मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार चार कैबिनेट मंत्रियों को तीनों शहरों के मेयरों के चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को अमृतसर, अरुणा चौधरी को जालंधर, ब्रह्म मोहिंदरा व साधू सिंह धर्मसोत को पटियाला में मेयर के चुनाव व हाउस के गठन की जिम्मेवारी दी गई है। मेयरों के चुनाव को लेकर इन्होंने पार्षदों के साथ बैठकें कर नाम फाइनल कर लिए हैं और मुख्यमंत्री व पार्टी प्रधान सुनील जाखड़ की मंजूरी के बाद अहम भूमिका निभानी है।