डाक्टर देते रहे तारीख पर तारीख, यहां बच्चे की चली गई जान

Edited By Updated: 24 Apr, 2017 03:54 PM

mansa news

मानसा का आठ वर्षीय अनमोल प्रीत सिंह पी.जी.आई. की लेटलतीफी का शिकार हो गया है।

भटिंडाः मानसा का आठ वर्षीय अनमोल प्रीत सिंह पी.जी.आई. की लेटलतीफी का शिकार हो गया है। आठ मार्च को ब्रेन ट्यूमर की शिकायत पर उसे पी.जी.आई. की इमरजैंसी में दाखिल कराया था। डाक्टरों ने कहा कि आप्रेशन होना है। एक अाप्रेशन तत्काल कर दिया गया, जबकि दूसरे के लिए उसे तारीख पर तारीख मिलती रही। करीब एक महीने तक डाक्टर उसे आश्वासन देते रहे। अाप्रेशन नहीं होने पर 16 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया। अनमोल के चाचा गुरजंट ने बताया कि उसकी हालत लगातार खराब हो रही थी। डाक्टरों को बताते थे, लेकिन वे गंभीर नहीं थे।


गुरजंट सिंह ने बताया कि 9 मार्च के बाद 13 मार्च को दूसरे आप्रेशन की तारीख दी गई। डाक्टरों ने गुरजंट से सामान भी मंगवा लिया। बाद में डाक्टरों ने कहा कि आज आप्रेशन नहीं हो सकता। सामान वापस कर दो। दोबारा से तारीख दी जाएगी। उसके बाद रोजाना डाक्टर जांच के लिए पहुंचते, लेकिन  तारीख नहीं मिली। 14 अप्रैल को उसकी तबियत काफी खराब हो गई। सांस टूटने लगी। आवाज आना तक बंद हो गई, लेकिन डाक्टरों ने ध्यान नहीं दिया।

 
अनमोल पिछले डेढ़ महीने से पी.जी.आई. के डिजास्टर वार्ड में एडमिट था। उसके परिजन मजदूरी करते है। गुरजंट ने बताया कि तारीख नहीं मिलने की स्थिति पर पी.जी.आई. में कुछ लोगों ने कहा कि प्राइवेट हास्पिटल चले जाओ लेकिन इलाज काफी महंगा होने के कारण बात नहीं बन सकी। गुरजंट अनुसार यदि समय पर अनमोल प्रीत सिंह का आप्रेशन हो जाता तो शायद वह जिंदा होता। 

 

मंजू वडवालकर, प्रवक्ता पी.जी.आई.अनुसार इस केस में क्यों देरी हुई, इसका पता करना होगा। आम तौर पर गंभीर मरीजों को इतना इंतजार नहीं करना पड़ता है। जो मरीज गंभीर होता है उसे इलाज में प्राथमिकता दी जाती है।
 

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