Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 09:40 AM
आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल व कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी बेसमझी के कारण ही पंजाब में जी.एस.टी. को लेकर संकट पैदा हुआ है जिस कारण राज्य के खजाने को भारी नुक्सान व सरकार की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है।
चंडीगढ़ (ब्यूरो): आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल व कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी बेसमझी के कारण ही पंजाब में जी.एस.टी. को लेकर संकट पैदा हुआ है जिस कारण राज्य के खजाने को भारी नुक्सान व सरकार की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है।
मीडिया को जारी एक बयान में ‘आप’ नेता तथा खरड़ से विधायक कंवर संधू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जून के विधानसभा सैशन दौरान सरकार को सचेत किया था कि वह केंद्र द्वारा बनाए जी.एस.टी. बिल को लागू कर राज्य की वित्तीय खुद मुख्तियारी खत्म न करें परंतु मनप्रीत बादल ने इस सुझाव को न मानकर जी.एस.टी. संबंधी प्रशंसा भरे शब्द गाए थे। आम आदमी पार्टी ने मांग की कि आने वाले विधानसभा सैशन के दौरान जी.एस.टी. बिल में संशोधन करके इसे पेश किया जाए।
मनप्रीत बादल ने बुधवार को कहा था कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद पंजाब को कर में 40 प्रतिशत कमी आई है और कहा कि केंद्र सरकार को यह बिल और गंभीरता के साथ बनाना चाहिए था। संधू ने कहा कि विधानसभा में बिल लाने से पहले मनप्रीत बादल को इस बिल को अच्छे से पढऩा चाहिए था। उन्होंने कहा कि उस समय मनप्रीत ने कवि अलामा इकबाल की पंक्तियां पढ़ते हुए विरोधी पक्ष को इस बिल को लाने में सहयोग देने की बात कही थी।
संधू ने कहा कि केंद्र पर आरोप लगाने से पहले मनप्रीत अपनी गलती स्वीकार करके अगले बजट सैशन दौरान विधानसभा में इस संबंधी बयान दें। उन्होंने कहा कि आगामी जून सैशन में जी.एस.टी. बिल में संशोधन करके इसको फिर पेश किया जाए।
कंवर संधू ने और सुझाव भी दिए जो इस प्रकार हैं
1. पंजाब सरकार खेती आधारित, खेती उद्योग और फूड प्रोसैसिंग आधारित राज्यों से बातचीत कर फ्रंट बनाकर केंद्र से और सहूलियतों की मांग करते हुए कर में वृद्धि की मांग करे।
2. आवर्ती जी.एस.टी. कैश क्रैडिट लिमिट की मांग की जाए जिससे राज्य के टैक्सों में देर होने की सूरत में सरकार की रोजमर्रा की कार्यप्रणाली पर प्रभाव न पड़े।
3. देश के संघीय ढांचे को ध्यान में रखते हुए जी.एस.टी.काऊंसिल की क्षेत्र आधारित मीटिंगें की जाएं, जहां वह अपनी मुश्किलों पर चर्चा कर सके।
4. सीमावर्ती राज्य होने से पंजाब के लिए टैक्स रियायतों की मांग की जाए।