कार्पोरेशन बना पंजाब सरकार खुद संभालेगी शराब ठेकों का काम : मनप्रीत

Edited By Updated: 20 Mar, 2017 09:21 AM

manpreet badal interview

आज से करीब 7 साल पहले वित्त मंत्रालय में लिए जाने वाले फैसलों को लेकर बादल परिवार से हुए मतभेदों के बाद वित्त मंत्री का पद छोडऩे वाले मनप्रीत सिंह बादल आज फिर उसी पद पर आ बैठे हैं।

आज से करीब 7 साल पहले वित्त मंत्रालय में लिए जाने वाले फैसलों को लेकर बादल परिवार से हुए मतभेदों के बाद वित्त मंत्री का पद छोडऩे वाले मनप्रीत सिंह बादल आज फिर उसी पद पर आ बैठे हैं। इन 7 वर्षों के दरम्यान राज्य की वित्तीय स्थिति काफी बदल चुकी है। पंजाब के सिर पर करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपए का ऋण है तथा कांग्रेस द्वारा चुनाव मैनीफैस्टो में किए गए वायदों को पूरा करने के लिए खजाने का प्रबंध भी मनप्रीत बादल ने ही करना है। इन आने वाली चुनौतियों से मनप्रीत बादल कैसे निपटेंगे, इस बारे हमारे प्रतिनिधि रनदीप सिंह सोढी ने उनसे बातचीत की। पेश हैं मनप्रीत बादल से बातचीत के कुछ अंश:-

प्र.: शराब को सरकार की आय का साधन माना जाता है पर कैबिनेट ने ठेकों की गिनती 500 कम कर दी है तो सरकार को आय कैसे आएगी?
उत्तर: कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में राज्य में बेतहाशा बढ़ रहे शराब के ठेकों पर नकेल डालने की बात कही थी। ठेकों की गिनती घटाने का फैसला घोषणा पत्र के वायदों को पूरा करने की ओर पहला कदम है। रही बात आय की तो शराब के रेट बढ़ा कर इसकी आय पूरी की जाएगी। कैप्टन सरकार को अभी चार्ज संभाले 2-3 दिन ही हुए हैं इसलिए शराब के ठेकों का काम निजी हाथों से निकालने की पूरी तैयारी नहीं हो सकी थी। लिहाजा इस साल तो शराब के ठेके निजी हाथों में ही जाएंगे परन्तु अगले साल इस बारे विशेष नीति लेकर आएंगे जिसके तहत राज्य के शराब के कारोबार से निजी दखलअंदाजी बंद कर दी जाएगी। सरकार खुद एक कार्पोरेशन बनाकर शराब के ठेकों का काम संभालेगी। इससे सरकार की आय बढ़ेगी। शराब के कारोबार से निजी क्षेत्र को हर साल करीब 4000 करोड़ रुपए का लाभ हो रहा है। यह लाभ सरकार के खजाने में आएगा।
प्र.: कांग्रेस ने चुनाव में रेत-बजरी माफिया को मुद्दा बनाया था, इस बारे अब क्या कदम उठाए जाएंगे?
उत्तर: पंजाब दूसरा ऐसा राज्य है जिसमें सरकारी खजाने को भारी फायदा होगा। सरकार रेत की खड्डों से निजी लोगों द्वारा की जा रही सरकारी खजाने की लूट को बंद करेगी। इससे ही लगभग 4-5 हजार करोड़ रुपए सरकार के खजाने में आया करेंगे। इस सारे पैसे से सरकार लोक भलाई की स्कीमों को जारी रखेगी तथा नई स्कीमें भी शुरू की जाएंगी।
प्र.: राज्य में इंडस्ट्री व कारोबार के माहौल को सुधारने के लिए क्या योजना है?
उत्तर: पिछले 10 वर्षों दौरान पंजाब का कारोबारी व उद्योगपति अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकारों से दुखी होकर दूसरे राज्यों में पलायन कर गए हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह कुछ ही समय में अफसरों की 
एक टीम के साथ देश के सभी बड़े उद्योगपतियों को मिलने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत पंजाब के उन उद्योगपतियों के पास भी पहुंच की जाएगी जिन्होंने अपने राज्य से औद्योगिक यूनिट बंद करके अन्य प्रदेशों में लगाए हैं। पंजाब में रोजगार 2 तरीकों से आ सकते हैं। 
पहला तरीका सरकारी नौकरियां निकालने का है तथा दूसरा इंडस्ट्री को सुविधाएं देकर रोजगार पैदा करने का है। सरकारी नौकरियां या ठेके पर भर्ती के लिए अभी नीति तैयार करनी पड़ेगी, पर निजी क्षेत्र में इस मामले में जल्दी नतीजा आ सकता है।
प्र.: आपने बादल सरकार में जब वित्त मंत्री का पद 
छोड़ा था तब के तथा आज के वित्तीय हालात को आप 
किस तरह देखते हैं?
उत्तर: गत 10 साल में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार ने पंजाब को खूब लूटा है। इस तरीके से तो अंग्रेजों ने भी पंजाब को नहीं लूटा था क्योंकि उन्हें पता था कि उनके बच्चों ने भी यहां रहना है। पंजाब के सिर बहुत बड़ा ऋण है तथा जिन हालातों में बादल खजाने को छोड़ कर गए थे, वह चुनौती छोटी नहीं है, पर हम सरकारी खर्च घटाएंगे। इससे ऋण घटेगा। नया कर्ज नहीं लेंगे तथा पुराना ऋण धीरे-धीरे कम होता जाएगा। मर्ज पुराना है, इसका इलाज करने में समय तो लगेगा।
प्र.: चुनाव प्रचार दौरान स्मार्टफोन देने के वायदे के बाद 30 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाई थी, ये फोन कब मिलेंगे?
उत्तर: यह कोई बड़ी बात नहीं है। कांग्रेस ने जो वायदा किया है, वह जरूर पूरा किया जाएगा। बजट में इसके लिए विशेष फंड की व्यवस्था की जाएगी तथा बजट के बाद इस योजना पर अमल शुरू हो जाएगा।
प्र.: चुनाव प्रचार दौरान एन.आर.आई. भाइयों ने ‘आप’ का साथ दिया था तथा कांग्रेस की मुखालफत की थी, प्रवासियों को लेकर सरकार का क्या स्टैंड रहेगा?
उत्तर: विदेश में बस रहे प्रवासी पंजाबी भी हमारे भाई हैं। उनके साथ सियासी बदलाखोरी जैसे बर्ताव का सवाल ही पैदा नहीं होता। यदि लोकतंत्र में विरोध न हो तो लोकतंत्र कैसा? सरकार प्रवासी भारतीयों की जमीनों पर होने वाले कब्जों को लेकर एन.आर.आई. प्रॉपर्टी सेफगार्ड बिल लेकर आ रही है। इसके तहत प्रवासी भारतीयों की जमीनों पर होने वाले कब्जों पर नकेल डाली जाएगी। इसके अलावा अदालतों में लटक रहे प्रवासी भारतीयों के मामलों के जल्द निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा तथा इन अदालतों में प्रवासी भारतीयों के मामले 15 दिनों के अंदर -अंदर हल किए जाएंगे।
प्र.: आपने किसानों को दी जाने वाली सबसिडी का विरोध किया था, अब आपका क्या स्टैंड होगा?
उत्तर: मैं कभी किसानों की सबसिडी के खिलाफ नहीं रहा। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके परिवार ने मुझे बदनाम करने के लिए फैलाई है। पंजाब में किसानों को दी जाने वाली 6000 करोड़ रुपए की बिजली सबसिडी जारी रहेगी तथा इसको बंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होगा।

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