Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 10:58 AM
15 वर्षीय अर्जुन बचपन से ही प्लास्टिक और लकड़ी खाता रहा जो अब उसके लिए बड़ी समस्या बन गई है, परंतु आज डा. गगनदीप गोयल ने उसके पेट में से प्लास्टिक और लकड़ी के टुकड़े निकाल कर उसकी जान बचा ली, जिसका इलाज अभी जारी है।
बठिंडा (बलविंद्र): 15 वर्षीय अर्जुन बचपन से ही प्लास्टिक और लकड़ी खाता रहा जो अब उसके लिए बड़ी समस्या बन गई है, परंतु आज डा. गगनदीप गोयल ने उसके पेट में से प्लास्टिक और लकड़ी के टुकड़े निकाल कर उसकी जान बचा ली, जिसका इलाज अभी जारी है।
गुरमीत सिंह निवासी गांव चौंतरा जिला मुक्तसर ने बताया कि उसका 15 वर्षीय बेटा अर्जुन सिंह बचपन से ही प्लास्टिक और लकड़ी आदि खाता था। वह अक्सर उसे रोकते थे लेकिन असफल रहे, जिसका अब पता चला। करीब 2 वर्ष पहले तक उसके पेट में दर्द रहने लगा। उन्होंने धरण आदि निकलवाई, जबकि बठिंडा और मुक्तसर के अस्पताल में इलाज भी करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से वह कुछ भी खा-पी नहीं रहा था, क्योंकि उसके पेट में जगह ही नहीं बची थी।
अंत में वह डा. गगनदीप गोयल के पास पहुंचे जहां पता चला कि उसके पेट में एक किलो से भी अधिक प्लास्टिक व लकड़ी के टुकड़े हैं। डा. गोयल ने बताया कि इंडोस्कोपी से 30 प्रतिशत प्लास्टिक व लकड़ी के टुकड़े निकाल दिए गए हैं।