कूकानेट : न पक्के रास्ते, न पीने को साफ पानी

Edited By Updated: 27 Feb, 2017 12:28 PM

kukanet  no paved paths  clean drinking water

आधुनिक सुविधाओं के युग में हर कोई नई-नई खोजों व आधुनिक सुविधाओं द्वारा आसानी से जीवन जी रहा है। आधुनिक सुविधाओं जैसे मैट्रो रेल, तेज रफ्तार ट्रेनें, वॉल्वो बसें यहां तक कि अब तो सरकारी रोडवेज ने भी वातानुकूलित वॉल्वों बसों की सुविधा जनता को देनी...

हरियाना(रत्ती):आधुनिक सुविधाओं के युग में हर कोई नई-नई खोजों व आधुनिक सुविधाओं द्वारा आसानी से जीवन जी रहा है। आधुनिक सुविधाओं जैसे मैट्रो रेल, तेज रफ्तार ट्रेनें, वॉल्वो बसें यहां तक कि अब तो सरकारी रोडवेज ने भी वातानुकूलित वॉल्वों बसों की सुविधा जनता को देनी शुरू कर दी है, परन्तु बड़ी हैरानी की बात है कि हर क्षेत्र में विकास करने का ङ्क्षढढोरा पीटने वाली समय-समय की सरकारों को आज भी पंजाब के कई ऐसे इलाके नजर नहीं आ रहे जहां आधुनिक सुविधा तो दूर मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण ही लोग नारकीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। कई लोग इन्हीं सुविधाओं के अभाव के कारण, अपनी जन्मभूमि व पैतृक जगह से पलायन तक करने को मजबूर हो चुके हैं। ऐसा ही एक उदाहरण जिला होशियारपुर के गांव कूकानेट की है।

 

होशियारपुर से करीब 36 कि.मी. दूर कंडी की हसीन वादियों, साफ स्वच्छ वातावरण व कुदरत की गोद में बसे गांव कूकानेट की तरफ यदि नजर डाली जाए तो लोगों को स्वर्ग दिखता यह कुदरती सुंदर इलाका यहां के निवासियों के लिए नर्क से भी बदतर है।पंजाब-हिमाचल के लगभग बार्डर पर बसा यह गांव सुविधाओं के नजरिए से हर पक्ष से पिछड़ा हुआ है। पंजाब भर में जहां हर तरफ नई-चौड़ी सड़कें व आधुनिक आवागमन के साधनों से लोगों का जीवन काफी सरल हो गया है वहीं कूकानेट के निवासी अपने घरों तक पहुंचने के लिए खुद रास्ते बनाते हैं ताकि उनके घरों तक आसानी से पहुंचा जा सके। कुल मिलाकर प्रशासन व समय-समय की सरकारों द्वारा यहां कोई विकास किया गया नजर नहीं आता।कूकानेट वैल्फेयर चैरीटेबल सोसाइटी (रजि.) के प्रधान गुरबचन सिंह, जनरल सैक्रेटरी ईश्वर सिंह, अशोक कुमार व अन्य सदस्यों ने बताया कि गांव की दशा बेहद खराब है व मूलभूत सुविधाओं को लोग तरस रहे हैं। न तो चलने के रास्ते हैं न ही पीने को स्वच्छ पानी है।

बच्चों का स्कूल जाना एक चुनौती
गांव का एक रास्ता, जो खड्ड में से होकर जाता है वहां सारा साल पानी बहता रहता है। बरसात में यह भयानक व विकराल रूप धारण कर लेता है। इन दिनों बस वही लोग यहां से गुजर पाते हैं जिनके पास बड़े वाहन हों। बज्जों का तो स्कूल तक पहुंचना चुनौती बन जाता है। लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित होता है।

पीने को मिल रहा है दूषित पानी
आजकल जहां फिल्टर आर.ओ. आदि द्वारा साफ पानी को भी और शुद्ध किया जा रहा है वहीं कूकानेट वासी आज भी गांव के एक पुराने कुएं से लिफ्ट किए गए पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। गांववासियों के अनुसार इस कुएं में काफी ज्यादा मात्रा में गंदा पानी है व जब पानी आना शुरू होता है तो थोड़ी देर तक पानी के साथ घास व तिनके भी आते हैं। पानी काफी कम मात्रा में आता है। गर्मियों में तो पानी न के बराबर आता है, वह भी कुछ ही मोहल्लों में। लोग गांव में पानी कुओं से सिरों पर ढोने को मजबूर हैं।

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