Edited By Updated: 22 Jan, 2017 04:04 PM
शहर के व्यापारी चिमन लाल के अपहरण कांड में पुलिस के हाथ कुछ ऐसे खास सबूत लगे हैं। इससे स्पष्ट है कि व्यापारी का अपहरण करवाने में थाना बरेटा इंचार्ज बलवंत सिंह की कथित मिलीभगत थी।
बुढलाडा (बांसल): शहर के व्यापारी चिमन लाल के अपहरण कांड में पुलिस के हाथ कुछ ऐसे खास सबूत लगे हैं। इससे स्पष्ट है कि व्यापारी का अपहरण करवाने में थाना बरेटा इंचार्ज बलवंत सिंह की कथित मिलीभगत थी। बरेटा थाना इंचार्ज द्वारा थाना छोड़ कर फरार होने की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। डी.एस.पी. गुरप्रीत सिंह गिल ने बताया कि 4 अगस्त, 2016 की रात को बुढलाडा से जाखल रोड पर पड़ते गांव रल्ली के बस स्टैंड से शिरोमणि कमेटी मैंबर व संत समाज के सक्रिय मैंबर बाबा सुखचैन सिंह धर्मपुरा के बेटे कल्याण सिंह व उसके एक साथी गुरप्रीत सिंह गांव दादूपुर हरियाणा नजदीक रतिया की ओर से व्यापारी चिमन लाल को अगवा कर लिया गया था।
उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने व्यापारी के परिवार से व्यापारी के ही फोन से काल कर एक करोड़ रुपए की मांग की थी। अपहरण के 19 दिन बाद परिवार ने अपहरणकर्ताओं को एक करोड़ रुपए देकर चिमन लाल उसको छुड़ा लिया था। अपहरणकर्ता 20 अक्तूबर, 2016 को पुलिस के हाथ आ गए जिनसे फिरौती के एक करोड़ रुपए बरामद करवाकर व्यापारी परिवार को वापस करवाते आरोपियों को जेल भेज दिया था। उन्होंने बताया कि थाना बरेटा के इंचार्ज बलवंत सिंह की फोन काल से कुछ ऐसे तथ्य मिले जिनसे पता चलता है कि इस अपहरण कांड में थाना बरेटा प्रमुख की कथित मिलीभगत थी। डी.एस.पी. ने बताया कि बरेटा थाना इंचार्ज बलवंत सिंह को पुलिस विभाग की ओर से मुअत्तिल कर दिया गया है। इस केस में पुलिस के उच्चाधिकारियों की हिदायत पर थाना सदर बुढलाडा में इंचार्ज बलवंत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।