Edited By Updated: 24 Apr, 2017 10:27 AM
पावर निगम 192 करोड़ से शहर में बिजली सिस्टम को सुधारने के दावे करता है लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के अंदरूनी बाजारों में अभी भी बाबा
जालंधर (पुनीत) : पावर निगम 192 करोड़ से शहर में बिजली सिस्टम को सुधारने के दावे करता है लेकिन सच्चाई यह है कि शहर के अंदरूनी बाजारों में अभी भी बाबा आदम के जमाने का जर्जर सिस्टम चल रहा है। गर्मी का कहर चरम पर है जिसके चलते बिजली की मांग बढ़ती जा रही है, ऐसे में ओवरलोड ट्रांसफार्मर या बिजली के नंगे जोड़ों में से निकली एक चिंगारी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है लेकिन पावर निगम के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं। शहर के अंदरूनी बाजार बारूद के ढेर पर खड़े हैं जिसके प्रति यदि सजगता न दिखाई गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
टिक्की वाला चौक में ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द पड़े हैं सिलैंडर
टिक्की वाला चौक में दर्जन के करीब स्टाल लगे हुए हैं जिनमें से अधिकतर ने सामान बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सिलैंडर ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द रखे हुए हैं, इन स्टालों ने धूप से बचने के लिए बड़ी छतरियां लगा रखी हैं जिनके ऊपर से दर्जनों तारें गुजरती हैं, वहीं पास पड़े ट्रांसफार्मर भी इन छतरियों से टच होते हैं। ज्योति चौक को जाती सड़क पर स्थित कादे शाह चौक पर भी कई ट्रांसफार्मर लगे हैं, यहां पर भी इसी तरह की स्थिति है।
आग लगने से हुए नुक्सान को भूले अधिकारी
शहर के मुख्य अटारी बाजार में कुछ वर्ष पहले चिलचिलाती गर्मी में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई थी और बड़ा हादसा हो गया था जिससे निपटने के लिए प्रशासन को सेना की मदद लेनी पड़ी थी। शहर में हुए इस बड़े हादसे के दौरान फायर ब्रिगेड को बाजार में पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी जिसके बाद प्रशासन ने हरकत में आकर बाजार को खुला करवाते हुए कब्जे हटवाए थे लेकिन अब फिर से शहर के अंदरूनी बाजारों में लोगों द्वारा किए गए कब्जों से लोगों को गुजरने में दिक्कतें पेश आती हैं।