Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 02:00 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि विश्व युद्ध में भारतीय सेना की कुर्बानियों को विश्व ने नजरअंदाज किया है जबकि सच्चाई यह है कि विश्व युद्ध में 74000 भारतीय सैनिकों ने अपनी कुर्बानियां दी थीं तथा अपनी रैजीमैंट व देश के सम्मान को...
जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि विश्व युद्ध में भारतीय सेना की कुर्बानियों को विश्व ने नजरअंदाज किया है जबकि सच्चाई यह है कि विश्व युद्ध में 74000 भारतीय सैनिकों ने अपनी कुर्बानियां दी थीं तथा अपनी रैजीमैंट व देश के सम्मान को बरकरार रखने के लिए 67000 भारतीय सैनिक घायल भी हुए थे। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर सेवानिवृत्त भारतीय व विदेशी सैन्य अधिकारियों के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घायल हुए सैनिकों में से कई सैनिक बाद में चल बसे थे इसलिए विश्व युद्ध में कुर्बानियां देने वाले भारतीय सैनिकों की गिनती कहीं अधिक हो सकती है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह जो सैन्य इतिहासकार व पूर्व फौजी रह चुके हैं, ने कहा कि पहले विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों ने जालंधर ब्रिगेड के तहत हिस्सा लिया था जिसमें 2 सिख तथा 47 सिख यूनिटें शामिल थीं। उन्होंने कहा कि कुर्बानियां देने वाले भारतीय सैनिकों को याद रखा जाना चाहिए। रात्रि भोज में शामिल होने वाले सैन्य अधिकारियों के पिता व दादाओं ने पहले विश्व युद्ध में भाग लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए गर्व की बात है कि वह पुरानी स्मृतियों को सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ ताजा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जालंधर ब्रिगेड में शामिल कई भारतीय सैनिक यूरोप में ठंडे मौसम को सहन नहीं कर सकते थे। सशस्त्र सेनाओं की तरफ से लड़ रहे भारतीय सैनिकों के पास खराब मौसम से निपटने के लिए गर्म वस्त्र भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों के हौसले को वह सलाम करते हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी कुर्बानियां दीं।
कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि भविष्य में भी वह सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ संपर्क कायम रखेंगे तथा पंजाब सरकार इन सैनिकों के कल्याण के लिए अहम कदम उठाती रहेगी। जालंधर ब्रिगेड की तरफ से बोलते हुए मेजर जनरल पीटर रोनाल्ड डेविस ने कहा कि विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपना शौर्य दिखाया था। उन्होंने कहा कि इन सैनिकों को हमेशा याद रखा जाएगा। इस अवसर पर चंडीगढ़ में ब्रिटिश उच्चायोग के डिप्टी हाई कमिश्नर एंड्रयू ऐरी, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. कर्णपाल सिंह सेखों, वरिष्ठ सलाहकार लै. जनरल टी.एस. शेरगिल, लै. जनरल एम.एस. भुल्लर, ओ.एच.डी. मेजर अमरदीप सिंह, मैक्डोनल्ड वॉग, रिचड जार्न ओलट, विलियम मोरिटन, चाल्र्स राबर्ट, डगल्स राबर्ट, जॉन रिचर्ड काटन वाइट, लै. जनरल जे.एल. मल्होत्रा, मेजर जनरल पनाग, श्रीमती मेजर ए.एस. सेखों व अन्य भी शामिल हुए।