Edited By Updated: 26 Apr, 2017 09:08 AM
जब भी अकाल तख्त के जत्थेदारों का कोई विवाद चलता है तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल हमेशा यही कहते हैं
जीरा/फिरोजपुर (अकालियां वाला): जब भी अकाल तख्त के जत्थेदारों का कोई विवाद चलता है तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल हमेशा यही कहते हैं कि अकाली दल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) में दखलअंदाजी नहीं करता जबकि एस.जी.पी.सी. के चुनाव समय पूर्व मुख्यमंत्री बादल अपनी पसंद के उम्मीदवारों को टिकटें देते हैं तथा एस.जी.पी.सी. चुनाव उपरांत प्रधान के चुनाव का नाम बादल साहिब द्वारा भेजे जाते लिफाफे में आता है तो फिर दखलअंदाजी न होने की बयानबाजी करके जनता को क्यों गुमराह किया जा रहा है। ये बातें पूर्व मंत्री जत्थेदार इन्द्रजीत सिंह जीरा चेयरमैन किसान सैल पंजाब ने प्रैस कांफ्रैंस दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह मुक्तसर जिले से संबंध रखते हैं जोकि एक ग्रंथी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने अपने आदेशों को मनवाने के लिए ज्ञानी गुरबचन सिंह को अकाल तख्त का जत्थेदार बनाया है। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के बेटे का मुक्तसर में एक होटल है जहां पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल खुद ठहरते हैं। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के बेटे को वी.आई.पी. सुरक्षा भी दी गई थी।
उन्होंने कहा कि ज्ञानी गुरबचन सिंह कह रहे हैं कि वह बादल परिवार के आगे बेबस हैं। इस संबंधी उनके पास ठोस सबूत हैं। अगर गुरबचन सिंह ने इस्तीफा न दिया तो वह ये सबूत 15 दिनों तक सार्वजनिक करेंगे।