हिंदू लड़कियों के अपहरण मामले में FIR दर्ज करवाने में छूट जाते हैं परिवार के पसीने

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 04:29 PM

in the case of kidnapping

सीमा पार पाकिस्तान में गत कई वर्षों से नाबालिग हिन्दू लड़कियों के अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वहां का कानून इस मामले में पीड़ित हिन्दू परिवारों के पक्ष में काम नहीं करता, बल्कि पूरी स्टेट मशीनरी अपहरणकर्ताओं के पक्ष में काम करती है।

अमृतसर(कक्कड़) : सीमा पार पाकिस्तान में गत कई वर्षों से नाबालिग हिन्दू लड़कियों के अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वहां का कानून इस मामले में पीड़ित हिन्दू परिवारों के पक्ष में काम नहीं करता, बल्कि पूरी स्टेट मशीनरी अपहरणकर्ताओं के पक्ष में काम करती है। 

जब हिन्दू लड़की का अपहरण कर किया जाता है तो इस संबंधी एफ.आर.आई. दर्ज करवाने में ही परिवार के पसीने छूट जाते हैं। वहां दरगाह पर ही धर्म परिवर्तन का सर्टीफिकेट दरगाह के पीर जारी कर देते हैं। अपहरणकर्ताओं के दबाव और अन्य सामाजिक समस्याओं से बचने के लिए तमाम हिन्दू लड़कियां बयान दे देती हैं कि वे अपनी इच्छा से घर से भाग आई हैं। इससे कोर्ट के पास भी उन्हें अपहरणकत्र्ताओं को सौंपने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। 

सूत्रों के अनुसार पता चला है कि पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों का जीवन काफी कठिन हो गया है। उनका हमेशा अपने अपहरण किया जाता है, फिर उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है, इसके बाद उसका जीवन और कठिन हो जाता है, क्योंकि उसे हमेशा घर के भीतर तमाम बंदिशों के बीच रखा जाता है। पाक में यह धर्म के नाम पर किया जा रहा है। पाक के ह्यूमन राइट्स कमिशन की रिपोर्ट भी इस बारे में आंखें खोलती है।

रिपोर्ट के अनुसार पाक में हर माह करीब 20 से 25 हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है। इसमें पुलिस प्रशासन की विशेष भूमिका होती है। हिन्दू पीड़ित परिवार पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक जाते हैं। यदि पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली तो दूसरी ओर से भी रिपोर्ट दर्ज कर दी जाती है। दूसरी ओर से दर्ज रिपोर्ट में जबरन धर्मांतरण की बात को झूठी बताते हुए स्वेच्छा से धर्म बदलने और परेशान करने का आरोप लगा दिया जाता है।

यही कारण है कि तमाम मामलों की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी आखिरकार उन्हें बंद कर दिया गया और हिन्दू लड़कियां मुसीबत भरी जिंदगी जीने को मजबूर हो जाती हैं।  सूत्रों से पता चला है कि इस घटनाक्रम के बाद भी उनकी कोई सुध नहीं लेता। वहीं सरहद पार के सुक्कुर के पास दरगाह भ्रांचडी इस तरह के जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी दरगाह से विगत 3 वर्षों के दौरान 150 से ज्यादा हिन्दू लड़कियों को धर्म परिवर्तन करवाया जा चुका है। इस दरगाह का मौजूदा पीर एम.पी.ए. मियां अब्दुल खालिक है जो कि वहां के मुस्लिम कट्टरवादियों व आतंकी संगठनों के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं। 

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