Edited By Updated: 21 Jan, 2017 01:09 PM
6 वर्ष पूर्व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट भटिंडा ने मनमोहन कालिया एन्क्लेव में कई फ्लैट्स तैयार कर आवेदकों से अर्जियां मांगीं जिसमें कुल 96 फ्लैट्स बनाए गए जिसमें 2,000 से अधिक अर्जियां प्राप्त हुई थीं।
भटिंडा (विजय): 6 वर्ष पूर्व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट भटिंडा ने मनमोहन कालिया एन्क्लेव में कई फ्लैट्स तैयार कर आवेदकों से अर्जियां मांगीं जिसमें कुल 96 फ्लैट्स बनाए गए जिसमें 2,000 से अधिक अर्जियां प्राप्त हुई थीं। तत्कालीन इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट चेयरमैन अशोक भारती के नेतृत्व में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कमल शर्मा ने 60 फ्लैटों को ड्रा द्वारा आबंटित कर दिया था। फ्लैट खरीदारों को 6 वर्ष गुजरने के बावजूद भी न कब्जा मिला जबकि उसमें घटिया सामग्री का आरोप भी लगता रहा फिर भी इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट टस से मस नहीं हुई। आवेदकों ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट से जमा राशि को ब्याज सहित मांगना शुरू कर दिया, न दिए जाने की सूरत में उन्होंने अदालत जाने तक की धमकी दे डाली।
गोनियाना रोड पर बनाए गए इन फ्लैटों की हालत खस्ता है दरवाजें, खिड़कियां टूटे हुए हैं जबकि निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल से इमारतें चरमरा रही हैं। आवेदकों ने एसोसिएशन गठित कर अब इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट पर दबाव बनाना शुरू कर दिए कि उन्हें अब फ्लैट नहीं चाहिए ब्याज सहित पैसे चाहिए। इस एसोसिएशन में भाजपा के ही प्रदेश मीडिया प्रभारी सुनील सिंगला, जङ्क्षतद्र कुमार, सुरेश कुमार आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वे कई बार कमिश्नर व ई.ओ. से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेज दी है ताकि इन फ्लैटों का दोबारा नवीनीकरण कर मालिकों को सौंप दी जाए। उन्होंने माना कि निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग हुआ। इनके पत्र पर गौर किया जाएगा। -दियाल सिंह सोढी चेयरमैन इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट।
मामला अभी भी न्यायालय में
मामला अभी भी न्यायालय में चल रहा है जिसे लेकर डायरैक्टर लोकल बाडी ने 6 लाख 20 हजार की बजाय 85 हजार रुपए अलग से लेने के लिए निर्देश जारी कर दिए। राजनीतिक दखल अंदाजी के चलते दबाव में आकर सचिव ने इस पर रोक लगा दी। मौजूदा ट्रस्ट चेयरमैन ने पुन: सरकार को केवल 85 हजार लेने के लिए अपनी रिपोर्ट भेज दी जिसका फैसला बाकी है। इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ई.ओ. गोरा लाल जिंदल ने कहा कि उन्होंने अभी पद संभाला है।
कम्युनिटी सैंटर की स्थापना तक नहीं
आरोप है कि एन्क्लेव में अभी तक कम्युनिटी सैंटर की स्थापना तक नहीं की गई यहां तक कि दरवाजे, खिड़कियां सब टूट चुके हैं। बिजली की तारों का बुरा हाल है। इमारत जर्जर व खस्ता हालत में है। आवेदकों की शिकायत पर चंडीगढ़ विजीलैंस टीम ने भी इस एन्क्लेव का दौरा कर सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का जिक्र किया। इनके निर्माण में हुए घपले की आशंका के चलते विजीलैंस ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। सुनील सिंगला ने बताया कि ट्रस्ट ने मनमोहन कालिया एन्क्लेव के फ्लैट्स की कीमत 28 लाख रुपए रखी थी जिसका 2013 में कब्जा देना था। कब्जा देने में इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट नाकाम रही, उलटा उन्होंने निर्माण सामग्री महंगी होने के कारण फ्लैट्स के मालिकों से 6 लाख 20 हजार प्रति फ्लैट्स मांग लिए। इसे लेकर फ्लैट्स मालिक न्यायालय पहुंचे और इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट उसमें हार गई। निचली अदालत ने फ्लैट्स मालिकों का हक समझते हुए इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट को 10 हजार रुपए प्रति महीना देने का निर्देश जारी कर दिया जिसे ट्रस्ट ने उच्च अदालत में चैलेंज कर दिया।