Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 04:58 PM
कभी इलाके की शान हुआ करती शाह नहर (हाईडल नहर) आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। उसके टूटते किनारे, गिरती स्लैबें जहां
तलवाड़ा(अनुराधा): कभी इलाके की शान हुआ करती शाह नहर (हाईडल नहर) आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। उसके टूटते किनारे, गिरती स्लैबें जहां उसका वजूद खत्म कर रही हैं, वहीं आसपास के किसानों के लिए भी खतरा साबित हो सकती हैं, नहर कई जगह से टूटी हुई है वहां से पानी सेम करके अथवा बरसाती बहाव के कारण लोगों के खेतों में चला जाता है जिससे कई-कई एकड़ फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
इतना ही नहीं एक के बाद एक स्लोट, स्लैब अगर ऐसे ही टूटती रहीं तो पूरी नहर बर्बाद होने में कुछ समय ही लगेगा। हाजीपुर से लेकर तलवाड़ा तक कई जगह नहर में टूटन-फूटन है। विभाग की ओर से बोरियां रख कर मुरम्मत भी की गई है परंतु यह आरजी कार्रवाई कब तक नहर के बहाव को रोक सकती है। ब्लाक समिति मैम्बर सुमित डडवाल एवं बाकी लोगों का कहना है कि पिछले 2 वर्षों से पानी के तेज बहाव के कारण एवं टूटी स्लैबों की सेम से कितने ही खेत बर्बाद हो गए। अभी भी प्रशासन मुरम्मत का कार्य नहीं करवा रहा अगर इसी प्रकार रहा तो आने वाली मानसून की बारिशों में बाढ़ आने के पूरे चांस हैं। ऐसे में विभाग को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
क्या कहते हैं एक्सियन : इस संबंध में जब एक्सियन चरणजीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बोरियां ऐसे ही नहीं बल्कि पक्के इंतजाम से रखी हैं जिनसे आगामी 2 वर्षों तक नहर को कुछ नहीं हो सकता। साथ ही साथ शीघ्र नहर की मुरम्मत विभागीय प्रणाली अनुसार की जाएगी।