Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 11:38 PM
आतंकवाद के मुद्दे पर अमरीका द्वारा पाकिस्तान पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। सोमवार को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया था, ‘‘अमरीका ने पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी और उसने बदले में झूठ व छल के...
जालंधर(राकेश बहल,सोमनाथ कैंथ): आतंकवाद के मुद्दे पर अमरीका द्वारा पाकिस्तान पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। सोमवार को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया था, ‘‘अमरीका ने पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी और उसने बदले में झूठ व छल के सिवाय कुछ नहीं दिया। वह सोचता है कि अमरीकी नेता मूर्ख हैं। हम अफगानिस्तान में जिन आतंकवादियों को तलाश रहे हैं, उसने उन्हें पनाह दी, अब और नहीं।’’
वहीं पाकिस्तान के प्रति अमरीका की बदल रही नीति को अलग मायनों में देखा जा रहा है। खुफिया एजैंसियों के मुताबिक पाकिस्तान पर अमरीका का कसता शिकंजा और भारत-अमरीका के बीच मजबूत होते रिश्ते पाकिस्तान को रास नहीं आने वाले हैं। एजैंसियों ने पहले ही चेताया है कि आई.एस.आई. अब अपना सारा फोकस पंजाब की तरफ करते हुए यहां आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है। सूत्रों के अनुसार अब 5 महीने तक आई.एस.आई. के निशाने पर पंजाब है। इसका दूसरा कारण ईरान में आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हैं। इसके मद्देनजर पाकिस्तान का अब सारा ध्यान पंजाब में आतंकवाद फैलाने पर है।
नीति बदलकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम
आई.एस.आई. ने पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपनी नीति में बदलाव किया है। बदलाव के तहत अब पंजाब में पाकिस्तान से सीधे हथियार नहीं भेजे जा रहे हैं। आई.एस.आई. की शह पर विदेशों में रह रहे सिख कट्टरपंथी सक्रिय हैं। हथियारों की पूर्ति नेपाल, थाईलैंड और अन्य देशों से करवाई जा रही है। इसमें गैंगस्टरों और पूर्व आतंकियों की मदद ली जा रही है। गत वर्ष पंजाब में हिंदू नेताओं की हुई हत्याओं के सिलसिले में गिरफ्तार गैंगस्टरों और पूर्व आतंकी हरमिंद्र सिंह मिंटू से हुई पूछताछ से भी ऐसा खुलासा हुआ है। पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या में विदेश में साजिश रचे जाने और फंड्स मुहैया करवाने के आरोप में ब्रिटिश नागरिक जगजीत सिंह जग्गी जौहल को बीते माह गिरफ्तार किया गया।
फ्रीमांट में उठी पंजाब में खालिस्तान की मांग
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कैलिफोर्निया स्थित फ्रीमांट गुरुद्वारा साहिब में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए और पंजाब में खालिस्तान की मांग की गई है। ये नारे भाई लवला जी गतका दल कैलिफोर्निया द्वारा लगाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया के लिए अलग विंग बनाया
खुफिया एजैंसियों को पुख्ता सबूत मिले हैं कि आई.एस.आई. कनाडा, यू.के., अमरीका, जर्मनी और इटली में कट्टरपंथी सिख नेताओं को अलग-अलग तरीकों से फंड्स मुहैया करवा रही है। साथ ही विदेशों में सिख कट्टरपंथियों की मदद के लिए सोशल मीडिया का एक अलग विंग भी बना दिया है जो भारत विरोधी वीडियो को वायरल कर रहा है। इसके साथ भारत में सिखों और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के झूठे वीडियो बनाकर उनको भी वायरल किया जा रहा है। इस तरह से आई.एस.आई. सिख कट्टरपंथियों को तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। दूसरी तरफ कनाडा के कई गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है। ओंटारियो प्रांत के सिख समुदायों और 14 गुरुद्वारों की मैनेजमैंट कमेटी ने यह फैसला किया। जिन अधिकारियों की एंट्री पर बैन लगाया गया है उनमें भारतीय राजनयिक भी हैं। ब्रैम्पटन में पिछले दिनों जोत प्रकाश गुरुद्वारा में हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया है।
पंजाब निशाने पर क्यों
पाकिस्तान अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अमरीका से अरबों डॉलर मदद ले चुका है लेकिन अब अमरीका ने पाकिस्तान के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके चलते पाकिस्तान जहां अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, वहीं दूसरी तरफ पंजाब में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है। पंजाब और कश्मीर हमेशा पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. के निशाने पर रहे हैं। गर्मियों में ज्यादातर कश्मीर आई.एस.आई. के मुख्य निशाने पर रहता है और बड़ी वारदातों को अंजाम दिया जाता है। इसका उदाहरण पिछले साल अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला है जिसमें कई श्रद्धालु मारे गए थे। चूंकि सर्दियों में कश्मीर में बर्फबारी शुरू हो जाती है जिस कारण आतंकियों के लिए कश्मीर में प्रवेश मुश्किल हो जाता है और दूसरी तरफ पंजाब में से होकर गुजरते जलालिया दरिया, तरनाह दरिया और उज्ज दरिया, जो कि जम्मू-कश्मीर से निकलते हैं, में बर्फबारी के कारण पानी की आवक घट जाती है। इसी मौके का फायदा उठाकर आतंकी पंजाब में प्रवेश करते हैं। इसका उदाहरण जनवरी, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुआ आतंकी हमला सबके सामने है।
ईरान में आतंकवाद के खिलाफ बगावत
आतंकवाद के खिलाफ ईरान में भी विरोध तेज होने लगा है। लोग बगावत पर उतर आए हैं और कई लोगों की गोली मार कर हत्या की जा चुकी है। बीते कई दिनों से ईरान के लोग आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ईरान में आतंकवाद के खिलाफ 100 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। ईरानी मीडिया के मुताबिक यहां जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है और हथियारबंद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों व सैन्य ठिकाने पर कब्जा करने की कोशिश भी की।