Edited By Updated: 17 Mar, 2017 07:56 PM
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मोदी मैजिक के दम पर क्लीन स्वीप करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जादू ....
जालंधर: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मोदी मैजिक के दम पर क्लीन स्वीप करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जादू पंजाब में नहीं चला और वह सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई।
पंजाब विधानसभा चुनावों में केन्द्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी तथा भाजपा की गलत नीतियों के कारण महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी थी जिसके चलते राज्य में महिलाओं ने कांग्रेस को वोट किया। शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ चल रही लहर के कारण राज्य का शहरी तथा हिन्दू वोट भी कांग्रेस को मिला जिसके कारण भाजपा को हाशिए पर जाना पड़ा। भाजपा को राज्य के माझा, मालवा तथा दोआबा में केवल एक-एक ही सीट प्राप्त हुई।
साल 2012 के विधानसभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की आटा दाल योजना शरू करने से महिलाओं के अधिक्य वोट वाले क्षेत्रों में भाजपा और शिअद को 34 सीटों पर विजय मिली थी जबकि कांग्रेस को केवल 18 सीटें ही मिली थी जबकि हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में नोटबंदी के कारण महिलाओं ने कांग्रेस को वोट दिया। राज्य की 45 सीटों पर महिलाओं का वोट प्रतिशत अधिक रहा और यहां से 32 सीटों पर कांग्रेस जबकि भाजपा गठबंधन को नौ और आम आदमी पार्टी को केवल चार ही सीटें मिली।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कैबिनेट मंत्री अरूण जेटली और राजनाथ सिंह के चुनावी अभियान भी मतदाताओं को लुभाने में असफल रहा। भाजपा को वोट प्रतिशत भी 7.14 प्रतिशत से कम होकर 5.4 प्रतिशत रह गया है। महिलाओं ने जहां ज्यादा मतदान किया है उनमे भुल्लथ 10.02 प्रतिशत, बलाचौर 9.27, चब्बेवाल 9.04, बंगा 9.3, आदमपुर 9.01, कादियां 8.6, दसुआ 8.3, मुकेरियां 7.94, हरगोविंदपुर 8.87, नवांशहर 7.72, फिलौर 6.39, नकोदर 6.7, कपूरथला 5.78, फगवाड़ा 5.51, शाहकोट 6.41, भोआ 5.97 तथा सुलतानपुर लोधी 4.76 प्रतिशत शामिल है।