स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही : गर्भवती को पॉजीटिव की जगह नैगेटिव ग्रुप का खून चढ़ाया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 09:40 AM

health department  s negligence

स्थानीय सरकारी अस्पताल में गत रात इलाज के लिए आई एक गर्भवती को गलत खून की बोतल चढ़ाने का मामला सामने आया है। भले ही इस संबंधी गर्भवती महिला का कोई नुक्सान नहीं हुआ, परंतु स्वास्थ्य विभाग इस हुई गलती की छानबीन करने में लगा हुआ है।

तरनतारन(रमन) : स्थानीय सरकारी अस्पताल में गत रात इलाज के लिए आई एक गर्भवती को गलत खून की बोतल चढ़ाने का मामला सामने आया है। भले ही इस संबंधी गर्भवती महिला का कोई नुक्सान नहीं हुआ, परंतु स्वास्थ्य विभाग इस हुई गलती की छानबीन करने में लगा हुआ है। 

जानकारी के अनुसार महंत निवासी लखविन्द्र सिंह जो दलित बिरादरी से संबंधित है, की पत्नी राज कौर गर्भवती है और उसमें खून की कमी बताई गई थी। उसका पति गत शाम अमृतसर के सरकारी अस्पताल से बी पॉजीटिव ग्रुप का खून लेकर स्थानीय सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड पहुंचा। यहां उसकी पत्नी बैड नंबर-25 पर दाखिल थी। 

अस्पताल की जच्चा-बच्चा वार्ड में मौजूद स्टाफ नर्स ने गर्भवती महिला राज कौर को खून की बोतल चढ़ानी शुरू की ही थी कि अफरा-तफरी में दूसरी स्टाफ नर्स ने मरीज की नस में लगी खून की बोतल उतारकर फैंक दी। इसको देख राज कौर घबरा गई और डर गई। राज कौर ने बताया कि उसको स्टाफ नर्स ने काफी गुस्से में बोलते हुए घर भेज दिया। वह देर रात गए अपने गांव पति के साथ चली गई।

राज कौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसको बहुत बुरा-भला कहा गया और बड़ी मेहनत से धक्के खाकर उसके पति द्वारा लाई खून की बोतल को चढ़ाने की बजाए उसे कूड़ेदान में फैंक दिया गया जो उनकी समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी स्वास्थ्य मंत्री और एस.सी. कमीशन के चेयरमैन डा. राज कुमार वेरका को शिकायत भेज रहे हैं। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की इस नालायकी कारण मरीज की जान भी जा सकती थी। 

क्या कहते हैं एस.एम.ओ.? 
सरकारी अस्पताल तरनतारन के डा. निर्मल सिंह का कहना है कि गर्भवती महिला में खून की कमी थी और उनके पास खून मौजूद न होने कारण अमृतसर से खून लाने लिए पूरे दस्तावेज और खून के सैंपल समेत कार्रवाई पूरी करते हुए लाने लिए कहा था। ये लोग खून बी पॉजीटिव की जगह बी नैगेटिव खून ले आए। अभी मरीज को खून चढ़ाना शुरू ही किया था कि अमृतसर से ब्लड बैंक से फोन के माध्यम से उन्हें खून के गलत ग्रुप का हो ने की सूचना मिली। इसके बाद मरीज को खून नहीं चढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि गलती संबंधी वह जांच कर रहे हैं, परंतु मरीज को कोई नुक्सान नहीं पहुंचा। दूसरी तरफ डा. शमशेर सिंह का कहना है कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं आया है। मामले में यदि किसी कर्मचारी की गलती पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

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