Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 10:05 AM
दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने जोर देकर कहा कि अगर श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज इस संसार में न आते तो हिंदुस्तान अवश्य ही कोई इस्लामिक राष्ट्र होता या यह आज एक इस्लामिक स्टेट के तौर पर जाना जाता।
अमृतसर (ममता): दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने जोर देकर कहा कि अगर श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज इस संसार में न आते तो हिंदुस्तान अवश्य ही कोई इस्लामिक राष्ट्र होता या यह आज एक इस्लामिक स्टेट के तौर पर जाना जाता।
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रकाशोत्सव मौके तख्त श्री हरिमंदिर साहिब पटना साहिब में श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के जीवन कथा दौरान दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कहा कि देश के अस्तित्व, भारत की संस्कृति, हिन्दू धर्म की रक्षा, मानवता के लिए गुरु गोबिन्द सिंह जी और उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान बहुत बड़ा बलिदान है। यही कारण है कि आज सारी दुनिया में उन के किए परोपकारों का जिक्र है। उन्होंने कहा कि इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि गुरु गोबिन्द सिंह जी के अपने 42 साल के जीवन में ऐसा कोई पल नहीं था, जब वह आराम से बैठे हों।
उन्होंने सिखी भेस में सिखी परंपराओं के मर्दन में लगे लोगों और उन शक्तियों प्रति सचेत रहने की चेतावनी देते कहा कि जो लोग सिखी स्वरूप में गुर इतिहास, सिख इतिहास, गुर अस्थानों, श्रद्धा और विश्वास को निशाना बना रहे हैं, वे सिख पंथ के लिए सब से घातक हैं। इतिहास गवाह है कि सिखों ने अपने गुरू में विश्वास और श्रद्धा के बल पर बड़े-बड़े बलिदान दिए और शहादतें दीं। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म तभी जीवित रह सकता है जब उस में बलिदान का जज्बा हो। अपने सिद्धांतों के प्रति समर्पण की भावना हो। अगर इन तत्वों को हटा दिया जाए तो कौमों के अस्तित्व को खतरा पैदा हो जाता है। इतिहास जीवित कौमों के लिए होता है।