Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 03:47 PM
गुरदासपुर लोकसभी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक मैदान पूरी तरह गर्मा गया है। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की तरफ से हलके में प्रचार शुरू कर दिया गया है।
गुरदासपुर : गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक मैदान पूरी तरह गर्मा गया है। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की तरफ से हलके में प्रचार शुरू कर दिया गया है।
समूची लीडरशिप जहां हलके में जाकर अपने उम्मीदवार का प्रचार कर रही है, वहीं भाजपा की सहयोगी अकाली दल बेखबर नज़र आ रही है जिसका मुख्य कारण माझे के जरनैल को माना जा रहा है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया की। चाहे पार्टी प्रधान सुखबीर बादल नामजदगी मौके स्वर्ण सिंह सलारिया तथा विजय सांपला के साथ नजर आए थे परन्तु क्योंकि चुनाव माझे का है, इसलिए मजीठिया की गैरमौजूदगी को लेकर चर्चाअों का बाजार गर्म है।
हिंदु प्रभाव वाली गुरदासपुर की यह सीट हमेशा भाजपा के खेमे में रही है परन्तु अकाली दल की तरफ से हमेशा ही गठबंधन धर्म निभाते हुए पूरी गर्मजोशी के साथ प्रचार किया जाता रहा है।
विधानसभा चुनाव की हार से छह महीने बाद हो रहे इस चुनाव में अकाली दल प्रचार के मामलो में सुस्त लग रहा है। जहां तक बात बिक्रम मजीठिया की है तो राजनीतिक माहिरों का यह भी कहना है कि अमृतसर लोकसभा चुनाव में अरुण जेतली की हार के बाद बिक्रम मजीठिया पर पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपना चाहती। यदि बात भाजपा की करें तो भाजपा खुद गुरदासपुर लोकसभा चुनाव की कमान अपने हाथ में संभाली बैठी है। अब यह देखना होगा कि बिक्रम मजीठिया 26 अक्तूबर को गुरदासपुर में होने वाली अकाली -भाजपा की रैली में नजर आते हैं या इस रैली से भी वह नादारद रहते हैं।