Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Oct, 2017 10:39 AM
पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह तथा स्वर्ण सलारिया से जुड़े दुष्कर्म मामलों में कानून अपना काम करेगा परन्तु लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर अकाली दल ने लंगाह व सलारिया के प्रति चुप्पी क्यों...
गुरदासपुर (धवन): पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह तथा स्वर्ण सलारिया से जुड़े दुष्कर्म मामलों में कानून अपना काम करेगा परन्तु लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर अकाली दल ने लंगाह व सलारिया के प्रति चुप्पी क्यों साधी हुई है। क्या इसे अकाली दल का इन दोनों के प्रति मौन समर्थन माना जाए।
आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाखड़ ने कहा कि दुष्कर्म मामलों में पहले अकाली दल ने लंगाह के प्रति चुप्पी साधे रखी परन्तु अब तो श्री अकाल तख्त साहिब ने लंगाह के दुष्कर्म संबंधी कृत्यों को देखते हुए उन्हें पंथ से निष्कासित कर दिया है। क्या ऐसे चरित्रहीन नेताओं को अकाली दल अब तक समर्थन देता रहा। सलारिया के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें नामांकन पत्र भरते समय संबंधित लड़की द्वारा कथित रूप से दर्ज करवाई गई एफ.आई.आर. का हवाला देना चाहिए था। उन्होनें कहा कि वह जनता से केवल एक बात कहते हैं कि वे अच्छे चरित्र वाले उम्मीदवार को चुनकर संसद में भेजे। राजनीति में गिरावट आई है तथा यह निम्रस्तर पर आ चुकी है। इसे संभालना अब जनता के हाथों में है।
जाखड़ ने एक प्रश्र के उत्तर में कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है, जो अपनों को भूल जाती है। स्व. विनोद खन्ना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने तो कल खन्ना का जन्म दिन तक नहीं मनाया। ऐसी पार्टी से जनता क्या अपेक्षा रख सकती है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म संबंधी मामलों की तरफ 'यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है तथा सरकार को इससे संबंधित सभी क्लिप्स को जब्त कर लेना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी इन क्लिप्स पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तव में सुखबीर व सलारिया को बार्डर एरिया तथा पंजाब के मसलों पर बहस करने के लिए आगे आना चाहिए। उपचुनाव को इन दुष्कर्म मामलों से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में नोटबंदी व जी.एस.टी. का मामला एक प्रमुख मुद्दे बन कर उभरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार से बार्डर एरिया को उम्मीदे हैं।