Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 04:49 PM
भोले शंकर की जीवनलीला से संबंध कटासराज धाम के प्राचीन अमरकुंड में जल सूखने की सूचनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री रामायण प्रचारिणी सभा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप करने की मांग की है।...
अबोहर(भारद्वाज): भोले शंकर की जीवनलीला से संबंध कटासराज धाम के प्राचीन अमरकुंड में जल सूखने की सूचनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री रामायण प्रचारिणी सभा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भोले शंकर के नेत्रों से टपकते आंसू से अमरकुंड का झरना फूटा था।
सभा के सचिव राकेश नागपाल व कार्यकारिणी सदस्य राज सदोष ने भारत सरकार का ध्यान आकॢषत करते हुए अपने ज्ञापन में लिखा है कि अगस्त माह में पश्चिमी पंजाब के जिला चकवाल में मीडिया कर्मियों ने सर्वप्रथम यह गंभीर मुद्दा उठाया था। अब पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने इसका संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने सरकार को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर अमरकुंड को पानी से भरा जाए, भले ही इसके लिए टैंकरों का इस्तेमाल क्यों न करना पड़े। मुख्य न्यायाधीश ने सरकार की खिंचाई करते हुए कल अपने आदेश में लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने इस सारे प्रकरण की जांच करवाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने के भी निर्देश जारी किए हैं। मामले की सुनवाई वीरवार को पुन: होगी।
सदोष व नागपाल ने कहा कि फरवरी माह में जब वे महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री कटासराज धाम की यात्रा पर गए तो उससे पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वाटर ट्रीटमैंट प्लांट का उद्घाटन कर चुके थे। अमरकुंड में स्नान करने के लिए सीढिय़ों के शिखर तक पावन जल उपलब्ध था, जबकि अब सीढिय़ां नीचे तक साफ दिखाई दे रही हैं। प्रशासन ने बीते दिनों 3 फुट गार निकालकर पानी की व्यवस्था करने का प्रयास किया था लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब 30 नवम्बर को शुरू होने वाली श्री कटासराज धाम यात्रा के लिए अमरकुंड में पानी सूखने के कारण भारतीय यात्रियों का उत्साह ठंडा पड़ गया है। अगले वर्ष महाशिवरात्रि पर 200 यात्रियों का जत्था जाने वाला है। उससे पूर्व अमरकुंड का पुराना रूप बहाल किया जाना चाहिए।