Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 04:29 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उद्योगों को रियायती दरों पर 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने के फैसले को वापस लेने की अटकलों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि सरकार उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने...
जालन्धर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उद्योगों को रियायती दरों पर 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने के फैसले को वापस लेने की अटकलों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि सरकार उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने के प्रति वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस संबंध में पहले ही फैसला लिया हुआ है जिस पर कैबिनेट की मोहर भी लग चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को रियायती दरों पर बिजली देने के संबंध में नोटीफिकेशन जारी करने में देरी इसलिए हुई है क्योंकि उद्योग विभाग ने उद्योगों पर लागू फिक्स्ड पावर टैरिफ जैसे कुछ संवेदनशील मुद्दों को सुलझाने के लिए समय मांगा था। पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग द्वारा घोषित टू पार्ट टैरिफ ढांचे से कुछ बड़े औद्योगिक खपतकारों जैसे स्टील उद्योग व अन्य बड़ी इकाइयों को सबसिडी का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस मुद्दे पर इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने उन्हें रिप्रैजैंटेशन दिया था जिसमें फिक्स टैरिफ के विपरीत प्रभाव को रोकने के लिए सरकारी दखल की मांग की गई थी।
बड़ी इकाइयां, जो सह-उत्पादन पर निर्भर हैं, को फिक्स चार्जिज देने के लिए कहा गया। चाहे ग्रिड से बिजली का प्रयोग न्यूनतम ही क्यों न हो। स्टील उद्योग की समस्या भी कुछ ऐसी ही थी। स्टील उद्योग पर भी फिक्स्ड टैरिफ का मामला लागू होता है। इन मुश्किलों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब राज्य पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन तथा उद्योग सचिव को उन्हें हल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही उपरोक्त अधिकारी सरकार को अपनी सिफारिशें देंगे जिसके बाद सरकार 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने के मामले में नोटीफिकेशन जारी कर देगी। तब तक फिक्स्ड टैरिफ का मसला भी हल हो जाएगा।