Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 11:31 AM
जनकपुरी के सुफियां चौक के पास ध्वस्त हुई बहुमंजिला इमारत में आग बुझाते हुए 2 फायर अफसरों सहित 3 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।
लुधियाना (महेश): जनकपुरी के सुफियां चौक के पास ध्वस्त हुई बहुमंजिला इमारत में आग बुझाते हुए 2 फायर अफसरों सहित 3 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। ड्यूटी पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले फायर अफसरों को घटनास्थल पर खड़े लोगों ने सैल्यूट किया है, लेकिन इस भीषण हादसे से 3 घरों के चिराग बुझ गए और उनका भविष्य अंधकार में चला गया है। मरने वालों में 53 वर्षीय फायर अफसर शामौन गिल, 57 वर्षीय पूर्ण सिंह व 55 वर्षीय इंद्रपाल सिंह शामिल हैं।
जांबाज थे पूर्ण
मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले पूर्ण सिंह की 2 साल बाद रिटायरमैंट थी। वह ग्यासपुरा इलाके में रह रहे थे। फायर अफसरों का कहना है कि पूर्ण बहुत ही दिलेर और जांबाज किस्म का शख्स था। वह विकट से विकट स्थिति में भी नहीं घबराता था, परंतु आज उसकी लिखी थी, जिसके चलते वह उन्हें छोड़ कर चला गया।
दृश्य देखकर कांप गई रूह
शामौन अमृतसर के राम तीर्थ रोड के लाभ नगर के रहने वाले थे। करीब 3 महीने पहले ही लुधियाना में उनकी ट्रांसफर हुई थी। उनकी पत्नी विनस गिल सिविल अस्पताल में हैड सिस्टर हैं। उनका 25 साल का बेटा साहिल गिल और 23 साल की बेटी शहनाज गिल है।शामौन के भतीजे अक्षित वैक्टर, जोकि लुधियाना के रहने वाले हैं, ने बताया कि उसकी अंकल से करीब 11.30 बजे फोन पर बात हुई थी। तब उन्होंने यह कह कर फोन काट दिया कि आग बुझाने के काम में वह बहुत बिजी हैं तथा इस वक्त बात नहीं कर सकते। करीब 1 बजे उसे साहिल का फोन आया। साहिल ने उसे बताया कि वह काफी देर से ट्राई कर रहा है, लेकिन पापा का फोन बंद आ रहा है। इस पर उसने उनके दफ्तर में फोन किया तो पता चला कि जिस इमारत में वह आग बुझा रहे थे वह इमारत धराशायी हो गई है। यह सुनकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जल्दी से जल्दी वह घटनास्थल पर पहुंचा। वहां का दृश्य किसी की भी रूह कंपा देने वाला था। उसने अंकल को खोजना शुरू किया, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। फिर उसे कुछ फायर अफसरों ने बताया कि जब वे अपने साथियों के साथ आग बुझा रहे थे तभी इमारत ढह गई और वह मलबे में फंस गए हैं। बाद में वही हुआ जिसकी उसे आशंका थी। उसने तुरंत अमृतसर फोन कर इसकी जानकारी दी। उनका परिवार वहां से चल पड़ा है।
पलक झपकते ही ध्वस्त हो गई इमारत
पक्खोवाल रोड के रोज एंक्लेव के रहने वाले इंद्रपाल सिंह का रेखी चौक में पाल टूर एंड ट्रैवल्स के नाम से कारोबार है। वह पंजाब टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष भी थे। उन्हें समाज सेवा के लिए गवर्नर से भी सम्मान प्राप्त था। जिस बहुमंजिला फैक्टरी में आग लगी, उसका मालिक उनका जिगरी दोस्त था। उनके बेटे जयदीप सिंह ने बताया कि सुबह जब फैक्टरी में आग लगने की जानकारी पापा को मिली तो वह तुरंत वहां पहुंच गए। वह फायर अफसरों के साथ आग बुझाने और लोगों को बाहर निकलने में लगे हुए थे। राणा अंकल उन्हें फैक्टरी के बाहर खड़े होकर बार-बार बाहर निकलने के लिए पुकार रहे थे। फायर ब्रिगेड की पाइप टेढ़ी होने के कारण पानी का छिड़काव कम हो गया। उन्होंने राणा अंकल से कहा कि वह पाइप सीधी करके आते है। अभी वह पाइप सीधी कर ही रहे थे कि एकाएक पूरी इमारत ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो गई और पापा मलबे की चपेट में आ गए। जयदीप ने रोते हुए बताया कि कुछ महीने पहले उसे उसके चाचा छोड़ कर चले गए थे और अब पापा भी चले गए हैं। अगले साल जनवरी महीने में उसकी बड़ी बहन जसप्रीत कौर की शादी तय है। बेटी की शादी को लेकर पापा बहुत खुश थे। वह उनका हर चाव पूरा करते थे। अब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि वह खुद को संभाले या परिवार को।