Edited By Updated: 25 May, 2017 09:50 AM
शिक्षा विभाग अपनी कार्यशैली के चलते हमेशा सुॢखयों में रहता है। ऐसा ही एक मामला पठानकोट में एक बार फिर सामने आया। सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूल सुंदर नगर की बिल्डिंग एक होने के कारण इस बाबत जो सुविधा 3 वर्ष पहले स्कूल प्रबंधन ने मांगी थी, वो अब जाकर...
पठानकोट (शारदा, आदित्य): शिक्षा विभाग अपनी कार्यशैली के चलते हमेशा सुॢखयों में रहता है। ऐसा ही एक मामला पठानकोट में एक बार फिर सामने आया। सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूल सुंदर नगर की बिल्डिंग एक होने के कारण इस बाबत जो सुविधा 3 वर्ष पहले स्कूल प्रबंधन ने मांगी थी, वो अब जाकर शिक्षा विभाग पूरी करने जा रहा है। वहीं शिक्षा विभाग के तुगलकी फरमान से विद्याॢथयों के अभिभावकों में रोष की लहर तेज हो गई, जिसके तहत प्रचंड गर्मी में नौनिहालों के स्कूल जाने का समय दोपहर 1 से 6 बजे तक कर दिया गया, जिससे अभिभावकों में रोष है। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरैक्टर ने पत्र जारी कर स्कूल के प्रिंसीपल को निर्देश दिए कि प्राइमरी सैक्शन के विद्यार्थियों का स्कूल टाइम चेंज कर उन्हें दोपहर 1 से लेकर शाम 6 बजे तक पढ़ाया जाए जबकि मिडिल सैक्शन को सुबह साढ़े 7 से लेकर साढ़े 12 बजे तक पढ़ाया जाए।
क्या कहते हैं प्रिंसीपल
इस मामले बारे जब स्कूल के प्रिं. रविकांत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल के टाइम के बदलाव के लिए 3 वर्ष पूर्व विभाग को लिखा गया था। उन्होंने बताया कि स्कूल की ओर से विभाग को आग्रह किया गया था कि सरकारी व मिडिल स्कूल इकट्ठा होने के कारण उनके स्कूल में बच्चों की तादाद ज्यादा है स्कूल की बिल्डिंग में कमरों की कमी है इसलिए स्कूल के बच्चों की शिक्षा में विघ्न न पड़े, इसलिए स्कूल को 2 शिफ्टों में लगाया जाए। उन्होंने कहा कि अब जब यह पत्र उनके पास आया तो उन्होंने विभाग को जानकारी दे दी है लेकिन अधिकारियों ने कहा कि अगले निर्देश तक विद्याॢथयों को पढाने की व्यवस्था इस निर्देश के अनुसार की जाए जिसके चलते उन्होंने स्कूल के समय में बदलाव किया।
बच्चों को अपने साथ वापस घर ले गईं माताएं
समय बदलने के बाद पहले ही दिन तपती गर्मी में स्कूल आए अपने नन्हे बच्चों की हालत देखकर माताओं ने एकजुट होकर फैसला लिया कि जब तक स्कूल का समय बदलकर सुबह नहीं किया जाता, तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके बच्चों के भविष्य को खराब करने वाले इस आदेश को जल्द वापस नहीं लिया गया तो वे कड़ा संघर्ष करने के लिए भी तैयार रहेंगी। इसके बाद सभी माताएं बच्चों को अपने साथ वापस घर ले गईं। तृप्ता देवी, विमल व खुशी ने बताया कि शिक्षा विभाग का यह निर्देश उनकी समझ से बिल्कु ल परे है क्योंकि गर्मी को देखते हुए एक तरफ सरकार ने सुबह स्कूलों का टाइम कम किया ताकि बच्चे गर्मी से बीमार न हों लेकिन दूसरी तरफ दोपहर को कड़ी धूप में क्लासें लगाना बच्चों के लिए परेशानी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग ने जल्द निर्णय वापस न लिया तो वे कड़ा संघर्ष करेंगे।