Edited By Updated: 29 Apr, 2017 06:48 PM
ठानकोट के रहने वाले संजीव कुमार नाम के शख्स ने बचपन में देश के लिए खेलने का सपना देखा था, परन्तु घर के हालात कुछ ऐसे बन गए कि उनको अपनी पढ़ाई को के बीच ही छोड़ कर काम करना पड़ा। अब वह अपने सपने को 3 बेटियों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं। जालंधर के...
पठानकोट /जालंधरः पठानकोट के रहने वाले संजीव कुमार नाम के शख्स ने बचपन में देश के लिए खेलने का सपना देखा था, परन्तु घर के हालात कुछ ऐसे बन गए कि उनको अपनी पढ़ाई को के बीच ही छोड़ कर काम करना पड़ा। अब वह अपने सपने को 3 बेटियों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं। जालंधर के एम.एम.वी. में हो रहे ट्रायल दौरान अपनी बेटियों के साथ पहुंचे संजीव कुमार ने बताया कि वह देश के लिए खेलने का अपना सपना पूरा नहीं कर सके परन्तु उनकी बेटियां ज़रूर देश का नाम रोशन करेंगी।
पठानकोट नगर-निगम में सफाई कर्मचारी संजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने साल 1992 में ताइकवांडो मुकाबलो में नैशनल स्तर पर गोल्ड मैडल जीता था ,परन्तु घर के हालत ठीक न होने के कारण उनको वीं12 के बाद काम करना पड़ गया। देश के लिए खेलने का सपना पूरा न कर सकने का दुख हमेशा दिल में रहा। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए वह बेटियों को खेल में आगे बडा रहे हैं।उनकी बेटियों ने शिक्षा पठानकोट के. एफ.सी. सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पूरी की है।
उनकी बड़ी बेटी हिना 19 साल की है। वह 2015 में नेशनल जूनियर ताइकवांडो मुकाबलो में गोल्ड मैडल तथा स्टेट लैवल पर भी कई पुरस्कार हासिल कर चुकी है। 18 साल की बेटी नेहा ने इस साल 12 वीं की परीक्षा दी है। उसने रेसलिंग में स्टेट लैवल पर कई पुरस्कार हासिल किए है। अब नैशनल के लिए तैयारी कर रही है।वहीं 12 वीं क्लास में हुई 17 साल की बेटी रविका रेसलिंग की तैयारी कर रही है।