Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 01:27 PM
राज्य में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण जिले भर में धड़ल्ले से सफेद दूध के साथ काला धंधा हो रहा है परंतु विभाग सब जानते हुए भी अनजान बना हुआ है
फिरोजपुर (चावला): राज्य में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण जिले भर में धड़ल्ले से सफेद दूध के साथ काला धंधा हो रहा है परंतु विभाग सब जानते हुए भी अनजान बना हुआ है जिससे ऐसे कथित व्यापारियों की दिन-प्रतिदिन चांदी हो रही है। इस काले कारोबार से आम आदमी बीमारियों का शिकार हो रहा है।
दूध में पानी की मिलावट करीब 30 से 40 प्रतिशत
जानकारी के मुताबिक जिले भर में बिकने वाले दूध की गुणवत्ता काफी खराब है, क्योंकि दूध का कारोबार करने वाले व्यापारी कथित तौर पर दूध में पानी की मिलावट करीब 30 से 40 प्रतिशत तक कर रहे हैं।
कैसे तैयार होता है नकली दूध!
नकली दूध ग्लूकोज, रिफाइंड, सैंट आदि पदार्थों का मिश्रण कर तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं जिले में कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां पनीर भी नकली बिक रहा है। दूध की सही गुणवत्ता मापने के लिए ग्रैविटी का टैस्ट किया जाता है परंतु सफेद दूध का काला धंधा करने वाले ये व्यापारी ऐसा कुछ भी नहीं करते। बजाज डेयरी के मालिक दविंद्र बजाज का कहना है कि यदि विभाग द्वारा गंभीरता से दूध लाने वालों के सैंपल चैक किए जाएं तो सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने यह भी माना कि उक्त धंधे में जुड़े कई लोगों द्वारा उक्त सामान का प्रयोग किया जाता है जो सरासर गलत है। लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने के बावजूद भी मिलावट वाला दूध मिल रहा है।
नकली दूध से होने वाली बीमारियां
नकली दूध के इस्तेमाल से लोग, कैंसर, आंतों के रोग, काला पीलिया व हृदयघात जैसे भयानक रोगों के शिकार हो रहे हैं। उक्त दूध से बच्चे व बूढ़े अधिक प्रभावित होते हैं। इतना ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में दूध से तैयार किए गए खाद्य पदार्थों में दूध के तापमान को कंट्रोल में रखने के लिए कोई प्रबंध नहीं होता जिस कारएा वे बर्फ की मिलावट करते हुए भी देखे जा सकते हैं।
मिलावट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : फूड इंस्पैक्टर
इस संबंधी जिला फूड इंस्पैक्टर ने कहा कि पहले भी दूध के सैम्पल लिए गए हैं। इनमें कुछ सैम्पल फेल भी हुए हैं जिन पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही और भी सैम्पल लिए जाएंगे। दूध में मिलावट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।