Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 04:32 PM
अब पटरियों पर डीजल इंजन वाली ट्रेंने नहीं दौड़ेंगी। रेल मंत्रालय द्वारा इस पर रोक लगाई जा रही है। डीजल इंजन कुछ सालों बाद सिर्फ रेलवे
फिरोजपुर(आनंद): अब पटरियों पर डीजल इंजन वाली ट्रेंने नहीं दौड़ेंगी। रेल मंत्रालय द्वारा इस पर रोक लगाई जा रही है। डीजल इंजन कुछ सालों बाद सिर्फ रेलवे के म्यूजियम में ही नजर आएंगे। जानकारी के मुताबिक रेल मंत्री की ओर से डीजल इंजनों को जल्द बंद कर रेल की पटरियों पर बिजली से चलने वाले इंजनों को दौड़ाने की कारगुजारी के लिए महज एक साल का समय दिया गया था लेकिन अधिकारियों द्वारा इतने कम समय में काम पूरा न किए जाने का हवाला देते हुए 2 साल और बढ़ा लिए।
इलैक्ट्रिफिकेशन के लिए करना होगा बड़े पैमाने पर काम : हालांकि डीजल इंजनों को बंद करने के लिए जो फैसला लिया गया है वह आर्थिक तौर पर बिल्कुल सही कदम है लेकिन इलैक्ट्रिफिकेशन का काम भारतीय रेलवे में बड़े पैमाने पर कई स्थानों पर होना बाकी है। आजादी के कई वर्षों बाद कई स्थानों पर इलैक्ट्रिफिकेशन का काम नहीं किया गया है तो ऐसे स्थानों पर डीजल इंजन का विकलप विद्युत इंजन रेल की पटरियों पर कैसे चलाया जाएगा।
डीजल कारखानों के स्टाफ पर पड़ सकती है मार : डीजल इंजनों के बंद होने पर डीजल कारखानों में काम करने वाले हजारों रेल कर्मचारियों पर इसकी मार पड़ सकती है क्योंकि यूनिट बंद होने के बाद ऐसे कारखानों में ज्यादा काम नहीं होगा और विकल्प के तौर पर उनका अन्य स्थानों पर तबादला किया जा सकता है।