चुनाव नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं नेता

Edited By Updated: 26 Feb, 2017 05:17 PM

election results are eagerly awaited leader

पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए 4 फरवरी को हुए मतदान के बाद से ही तमाम उम्मीदवारों व उनके समर्थकों को मतगणना के लिए तय 11 मार्च का समय आने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते देखा जा रहा है, कारण बड़ा स्पष्ट है। हालांकि मतदान हुए 20 दिन ही बीते हैं लेकिन...

तलवाड़ा(डी.सी.): पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए 4 फरवरी को हुए मतदान के बाद से ही तमाम उम्मीदवारों व उनके समर्थकों को मतगणना के लिए तय 11 मार्च का समय आने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते देखा जा रहा है, कारण बड़ा स्पष्ट है। हालांकि मतदान हुए 20 दिन ही बीते हैं लेकिन उम्मीदवारों-समर्थकों का एक-एक दिन वर्षों की भांति बीत रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक मतदान के दिन से वोटों के जमा-घटाव की उधेड़बुन में समर्थकों का समय बीत रहा है। जगह-जगह यही देखा जाता है कि समर्थक लिस्टें हाथ में पकड़ कर इसी नफे-नुक्सान का आकलन करते रहते हैं कि किस-किस पोङ्क्षलग बूथ में किस सियासी या निर्दलीय उम्मीदवार को वोट हासिल हुए, हो सकते हैं और किस पार्टी की सरकार सत्ता में सिंहासन पर कब्जा कर सकती है।

अब चूंकि मतगणना के लिए तय 11 मार्च का समय धीरे-धीरे निकट आता नजर आने लगा है तो समर्थकों के बीच नई सरकार बनने के लिए भी समीकरण बदल कर नए कयासों से घिरने लगे हैं। मतादन के बाद हालांकि कई टी.वी. चैनलों ने पंजाब में नई सरकार कांग्रेस की बनने के आसार संबंधी सर्वेक्षण दिए थे लेकिन अब जनता के बीच नई सरकार के लिए प्रत्येक सियासी दल के दावे खड़े होते देखे जाने लगे हैं। कुछ जगहों पर चुनावी चर्चा में सुना गया कि कांग्रेस और ‘आप’ नई सरकार बनाने में दोनों टक्कर में हैं और अन्य कुछ स्थानों पर यह चर्चा भी थी कि अकाली-भाजपा गठबंधन भी सत्ता के सिंहासन पर रिपीट हो सकता है। 


इस गठबंधन के लिए कुछ लोगों का तर्क यह था कि मतदान के लिए गरीब, मध्यमवर्ग से ज्यादा लोग घरों से निकलते हैं। अत: जिस गठबंधन सरकार ने इन्हें आटा-दाल सस्ता, कइयों को बिजली सुविधा फ्री और अस्पतालों में इलाज फ्री दिया है उसे वह वोट क्यों नहीं देंगे।  खैर! नई सरकार के लिए दावे या चर्चाएं कहीं कैसी भी हों, पर जैसे-जैसे मतगणना वाले दिन का समय घटने लगा है त्यों-त्यों ‘आप’ की नई सरकार बनाने की संभावनाओं को बताने वालों की संख्या भी बढ़ती ही नजर आ रही है। यहां तक कि एक-दो स्थानों से तो यह सूचनाएं भी प्राप्त हुई हैं कि नई सरकार बनने को लेकर एक राष्ट्रीय सियासी पार्टी के समर्थकों ने दूसरों के साथ लगाई शर्तें भी अब रद्द कर दी हैं। लोगों को अब इंतजार 11 मार्च की उस सुबह का है जब मतगणना का कार्य शुरू होगा और करीब-करीब दोपहर से पूर्व साढ़े 11 बजे तक यह जग जाहिर हो जाएगा कि वोटरों ने अपनी ताकत से सत्ता का ताज किस सियासी दल के मस्तिक पर सजाया है।

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