Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 07:37 PM
स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद डेंगू का प्रकोप थमने की बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक डेंगू के सामने आए 2 हजार के करीब संदिग्ध केसों में से जांच के दौरान 625 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए। .....
होशियारपुर(जैन): स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद डेंगू का प्रकोप थमने की बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक डेंगू के सामने आए 2 हजार के करीब संदिग्ध केसों में से जांच के दौरान 625 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए। हालांकि सिविल अस्पताल में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए स्पैशल वार्ड स्थापित किया गया है। लेकिन डाक्टरों की भारी कमी आड़े आ रही है।
सिंगल डोनर किट उपलब्ध नहीं
सिविल अस्पताल में सिंगल ब्लड डोनर से ब्लड हासिल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन की किट 7 हजार से 9 हजार तक होती है। जिसे खरीद पाना गरीब मरीजों के बस की बात नहीं। विभाग के पास भी फंड न होने के कारण लाखों रुपए की यह मशीन धूल चाट रही है। जिला नोडल अधिकारी-कम-डी.एच.ओ. डा. सेवा सिंह ने बताया कि एक अन्य मशीन जिसमें 4 डोनर्ज का ब्लड लिया जा सकता है से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू मरीजों के लिए दवाइयों, फ्ल्यूड व अन्य साजो-सामान की उच्च व्यवस्था है।
मेडिसिन स्पेशलिस्ट के 9 पद खाली
जिला के विभिन्न अस्पतालों में मैडीकल स्पैशलिस्टों के 18 पद हैं। जिनमें से 9 पद खाली पड़े हैं। परिणामस्वरूप डेंगू जैसी बीमारियां फैलने के कारण मरीजों के इलाज में काफी दिक्कत पेश आ रही है। डा. सेवा सिंह के अनुसार जिला मुख्यालय पर दूसरे सरकारी अस्पतालों से डाक्टर आ कर किसी तरह इलाज की व्यवस्था सुचारू बनाई जा रही है।
क्या कहती हैं सिविल सर्जन
सम्पर्क करने पर सिविल सर्जन डा. रेणू सूद ने बताया कि सिविल अस्पताल में करीब 3 साल पहले कंपोनेंट सेपरेटर मशीन मंगवाई गई थी जिसकी कीमत करीब 28 लाख रुपए है। किट महंगी होने के कारण इसकी व्यवस्था नहीं हो सकी। उन्होंने माना कि मैडीकल स्पैशलिस्टों की कमी है लेकिन फिर भी दूसरे हैल्थ सैंटरों से डाक्टरों की व्यवस्था कर काम चलाया जा रहा है।