Edited By Updated: 23 Nov, 2016 11:20 AM
काले धन को बाहर निकालने के लिए देशव्यापी मुहिम के तहत 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 500 व 1,000 के बड़े नोटों की नोटबंदी का असर अब चहुं ओर देखने को मिल रहा है। हालांकि नोटबंदी के बाद से पैदा हुई विकट आर्थिक स्थिति से देश धीरे-धीरे उभर रहा है।...
पठानकोट(शारदा): काले धन को बाहर निकालने के लिए देशव्यापी मुहिम के तहत 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 500 व 1,000 के बड़े नोटों की नोटबंदी का असर अब चहुं ओर देखने को मिल रहा है। हालांकि नोटबंदी के बाद से पैदा हुई विकट आर्थिक स्थिति से देश धीरे-धीरे उभर रहा है। नोटबंदी के14वें दिन भी लोगों की मुसीबतें खत्म नहीं हुईं। बैंकों के बाहर लोगों की लम्बी लाइनें लगी रहीं वहीं ए.टी.एम्ज के द्वार पर भी लोग घंटों तक पैसों की निकासी के लिए दस्तक दे रहे हैं।
कहीं कैश की किल्लत आम जनता की दिनचर्या की मुश्किलें बढ़ा रही हैं तो कहीं नई करंसी। नोटबंदी से सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को है जिनके घरों में अगले दिनों में शादी का मुहूर्त नोटबंदी से पहले कई महीनों से निर्धारित है। शादी की तैयारियां अंतिम चरण में होने के कारण अब पुराने बड़े नोट न चलने से नई करंसी की किल्लत इसे प्राप्त करने के लिए आर.बी.आई. की शर्तें खुशी के माहौल को उदासी का डंक लगा रही हैं और फेरों पर भारी पड़ रही है। रिजर्व बैंक के नए आदेशों से विवाह वाले घरों को दी गई राहत कम अपितु आफत अधिक लग रही है। शादी की राहत को लेकर विरोधी पक्ष भी मोदी सरकार को नोटबंदी से पैदा हुई मुश्किल को लेकर चहुं ओर से घेरने में जुटा हुआ है।