Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2017 03:05 PM
शहर के क्रेशर पलांट में काफी समय पहले बहुत चहल -पहल हुआ करती थी लेकिन आज इसके चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है। कांग्रेस सरकार की तरफ से माइनिंग पालिसी बनाने में की जा रही देरी से हजारों लोगों को बेरोजगार हो गए हैं।
पठानकोटः शहर के क्रेशर पलांट में काफी समय पहले बहुत चहल -पहल हुआ करती थी लेकिन आज इसके चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है। कांग्रेस सरकार की तरफ से माइनिंग पालिसी बनाने में की जा रही देरी से हजारों लोगों को बेरोजगार हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ क्रेशर इंडस्ट्री को भी डूबने के कगार पर ला खडा कर दिया है। दरअसल, रेत माफिया पर लगाम लाने के मनशूबे से कैप्टन सरकार ने आते ही पूर्व बादल सरकार की माइनिंग पालिसी को खत्म कर दिया।
अभी तक सरकार ने नई माइनिंग पालिसी का ऐलान नहीं किया, जिसका सीधा प्रभाव क्रेशर इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। काम बंद होने से क्रैशरों पर काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं। बता दें कि अकेले पठानकोट में ही 300 से ज़्यादा क्रेशर है, जहां हज़ारों लोग काम करते हैं।यहां काम बंद होने से जहां इन क्रेशर प्लांटों पर सन्नाटा छा गया है वहीं ओर मज़दूरों के घरों के चूल्हे भी ठंडे पड़ गए हैं।