Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 01:39 PM
जिला पठानकोट में एकमात्र हजारों-करोड़ों की लागत से स्थापित क्रशर इंडस्ट्री आज सरकार की अनदेखी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। पड़ोसी राज्यों हिमाचल व जम्मू-कश्मीर की भांति पंजाब में इंडस्ट्री को सही सुविधाएं न मिलने के कारण उक्त क्रशर...
पठानकोट(आदित्य): जिला पठानकोट में एकमात्र हजारों-करोड़ों की लागत से स्थापित क्रशर इंडस्ट्री आज सरकार की अनदेखी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। पड़ोसी राज्यों हिमाचल व जम्मू-कश्मीर की भांति पंजाब में इंडस्ट्री को सही सुविधाएं न मिलने के कारण उक्त क्रशर इंडस्ट्री का कारोबार इस प्रकार प्रभावित हो चुका है कि पिछले कुछ वर्षों में इस इंडस्ट्री में लगाए काफी संख्या में क्रशर उद्योग बंद हो चुके हैं तथा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं।
इनके बंद होने से जहां सैंकड़ों लोगों का रोजगार भी छिन गया, वहीं इन क्रशरों से सरकार को मिलने वाले टैक्स में भी कमी आई। यही नहीं इंडस्ट्री के साथ-साथ अन्य सभी प्रकार के व्यापार जुड़े हुए हैं। क्रशर इंडस्ट्री के प्रभावित होने से क्षेत्र के अन्य व्यापार पर भी काफी असर पड़ा है। क्रशर उद्यमियों का कहना है कि जब तक पंजाब सरकार माइनिंग पालिसी में बदलाव करके क्रशर इंडस्ट्री की सुविधाओं हेतु नियम नहीं बनाती, तब तक उनका कारोबार इसी प्रकार प्रभावित होता रहेगा और भविष्य में इसी प्रकार इंडस्ट्री का ग्राफ नीचे की ओर बढ़ता जाएगा।
अवैध तरीके से हिमाचल व जे. एंड के. से होता है पंजाब में मॉल सप्लाई
हिमाचल व जे.एंड के. से पंजाब में मॉल सप्लाई करने के कार्य को वे अवैध रूप से भी अंजाम दे रहे हैं। दोनों राज्यों से आने वाले ट्रक ओवरलोडिड होकर पंजाब में एंट्री के दौरान बैरियर पर चैकिंग से बचने के लिए चोरी-छुपे बनाए रास्तों से पठानकोट में घुसते हैं। इस अवैध कार्य को रोकने हेतु पिछले समय में जिला पठानकोट की पूरी क्रशर इंडस्ट्री संघर्ष कर चुकी है जिसके चलते कुछ देर के लिए उक्त कार्य थोड़ा कम हुआ है, परन्तु फिर से वैसे ही हालात हैं।
परिणामस्वरूप रोजाना बड़ी संख्या में ट्रक सैंकड़ों टन माल लेकर पंजाब में एंट्री कर रहे हैं। जे.एंड के. से रोजाना भारी संख्या में रेत-बजरी से भरे ट्रक पंजाब में एंट्री कर रहे हैं तथा कीडिय़ा बाया बनीलोधी-सुंदरचक्क के रास्ते पर सेल्स टैक्स बैरियर से बचने के लिए कई प्राइवेट रास्तों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से पठानकोट के रास्ते पंजाब में एंट्री कर रहे हैं। उनके ऐसा करने से जहां सरकार को प्राप्त होने वाले टैक्स में बड़ा चूना लग रहा है, वहीं सुरक्षा में भी एक बड़ी चूक हो रही है।
पंजाब सरकार की नई माइनिंग पालिसी ही बचा सकती है प्रभावित हो रही क्रशर इंडस्ट्री
पिछले कई वर्षों से बुरे हालातों को झेल रही हजारों-करोड़ों की लागत से स्थापित जिला पठानकोट की क्रशर इंडस्ट्री अब राज्य की नई सरकार से राहत देने की उम्मीद लगाए बैठी है। पंजाब सरकार द्वारा नई माइनिंग पालिसी अभी तक लागू नहीं की गई है।
जिला पठानकोट के मीरथल, बेहडिय़ा, कीडिय़ा, नरोट जैमल सिंह के क्रशर उद्यमी चाहते हैं कि सरकार द्वारा नई माइनिंग पालिसी में इंडस्ट्री की आ रही मुश्किलों के समाधान हेतु नियम व राहत पैकेज घोषित किए जाएं तथा साथ ही इंडस्ट्री पर टैक्सों का बोझ कम किया जाए। इसके अलावा हिमाचल व जे. एंड के. में मिलने वाली सुविधाएं व सबसिडी की भांति पंजाब में क्रशर इंडस्ट्री को सबसिडी व अन्य सुविधाएं दी जाएं।