दोस्त को उतारा था मौत के घाट,5 को आजीवन कारावास

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Aug, 2017 03:49 PM

court sentence in murder case

लोगों को विभिन्न बैंकों से कर्ज दिलवाने का काम करने वाले दोस्तों द्वारा अपने ही दोस्त की फर्जी आई.डी. व फोटो लगा कर बैंक में फर्जी अकाऊंट खुलवाने की उस दोस्त द्वारा पुलिस से शिकायत किए जाने पर उसकी हत्या किए जाने के एक मामले में स्थानीय अतिरिक्त...

अमृतसर(महेन्द्र): लोगों को विभिन्न बैंकों से कर्ज दिलवाने का काम करने वाले दोस्तों द्वारा अपने ही दोस्त की फर्जी आई.डी. व फोटो लगा कर बैंक में फर्जी अकाऊंट खुलवाने की उस दोस्त द्वारा पुलिस से शिकायत किए जाने पर उसकी हत्या किए जाने के एक मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज एस.एस. धालीवाल की अदालत ने 5 हत्यारोपी दोस्तों को आजीवन कारावास के साथ-साथ एक लाख से 1.45 लाख रुपए तक का भारी जुर्माना किए जाने की सजा सुनाई है। 

इसके अलावा अदालत ने पांचों आरोपियों को जालसाजी व धोखाधड़ी के आरोप में भी अलग से 3 से 5 वर्ष तक की सजा व 45 से 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय न्यू कृष्णा नगर, तरनतारन रोड निवासी अमित कुमार पुत्र अश्विनी कुमार तथा स्थानीय कोट आत्मा राम, सुल्तानविंड रोड निवासी बिक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की पुत्र अवतार सिंह लोगों को विभिन्न बैंकों से ऋण दिलवाने का काम करते थे।

उनकी कुछ दिन पहले न्यू कृष्णा नगर, तरनतारन रोड निवासी तरुणदीप सिंह उर्फ रिंकू पुत्र कुलदीप सिंह के साथ दोस्ती हुई थी और सभी एक साथ कारोबार करने लगे थे, लेकिन 29-6-2015 को रात करीब 10.30 बजे तरुणदीप सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। थाना सुल्ताविंड की पुलिस ने मृतक तरुणदीप सिंह उर्फ रिंकू की पत्नी सिमरनपाल कौर के बयान पर 30-06-2015 को पहले चरण में अमित कुमार तथा बिक्रमजीत स्ंिाह उर्फ विक्की के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा नंबर 178/2015 दर्ज कर मामले की जांच शुरु की, तो धीरे-धीरे इस हत्याकांड से पर्दा उठना शुरू हो गया। 

बैंक में फर्जी अकाऊंट खुलवाने पर दोस्तों में चल रहा था विवाद

हालांकि प्रथम चरण में मृतक की पत्नी का यह कहना था कि अमित तथा बिक्रमजीत सिंह ने उसके पति से रुपए उधार लिए थे। इस संबंध में उन्होंने उसके पति के पक्ष में एग्रीमैंट भी लिख कर दिया हुआ था। घटना वाली रात अमित ने ही बहाने से उसके पति को फोन करके बुलाया था और उसके पश्चात उसके पति की हत्या कर दी गई। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरु की तो मामले की परतें खुलने लगीं। 

जांच में यह बात सामने आई कि अमित तथा बिक्रमजीत सिंह ने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिल कर मृतक तरुणदीप सिंह उर्फ रिंकू की फोटोयुक्त फर्जी ड्राइव्ंिाग लाइसैंस वाली आई.डी. तैयार करवा कर पंजाब एंड सिंध बैंक की भगतांवाला शाखा में कोई फर्जी बैंक अकाऊंट खुलवाया था जिसमें से उन्होंने 9.50 लाख रुपए का ड्राफ्ट भी कैश करवाया था। तरुणदीप उर्फ रिंकू को इसका पता लगा तो उसने इसका विरोध किया था। उसने इस संबंध में पुलिस से शिकायत भी कर दी थी, जिस पर अमित और बिक्रमजीत सिंह ने अपने ईश्वर नगर, तरनतारन रोड निवासी 25 वर्षीय सुखमनप्रीत सिंह उर्फ कैप्टन पुत्र सविन्द्र सिंह, रणजीत विहार, लोहारका रोड निवासी 39 वर्षीय कर्मजीत सिंह पुत्र जसविन्द्र जीत सिंह तथा उसके भाई अजीत विहार, लोहारका रोड निवासी अमृतपाल सिंह (36) के साथ मिल कर तरुणदीप सिंह उर्फ रिंकू की गोली मार कर हत्या कर दी थी। 

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