90 फीसदी रिकवरी हुई तो निगम को मिलेगा 10 करोड़ का ईनाम

Edited By Updated: 23 Mar, 2017 09:41 AM

corporation will get 10 crore prize

नगर निगम द्वारा बकाया राजस्व की पूरी रिकवरी न करने का असर जहां विकास कार्यों के अलावा रूटीन के खर्चे भी न चलने के रूप में सामने आ रहा है। वहीं,

लुधियाना: नगर निगम द्वारा बकाया राजस्व की पूरी रिकवरी न करने का असर जहां विकास कार्यों के अलावा रूटीन के खर्चे भी न चलने के रूप में सामने आ रहा है। वहीं, इस हालात की वजह से केन्द्र द्वारा भेजी जाने वाली 10 करोड़ की ग्रांट भी रुक सकती है। यहां बताना उचित होगा कि पिछली यू.पी.ए. सरकार के समय लागू हुए जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत लुधियाना से संबंधित प्रोजैक्टों के लिए जो करीब 2 हजार करोड़ की ग्रांट मंजूर की गई थी। उसमें से नाममात्र पैसा मिलने की वजह शर्तें पूरी न करना रहा है। क्योंकि केन्द्र ने सुविधाएं देने खासकर पानी-सीवरेज सिस्टम को चलाने पर आने वाली लागत की भरपाई जरूर करने को कहा था लेकिन पंजाब सरकार द्वारा 125 गज तक के रिहायशी मकानों को पानी-सीवरेज के बिलों की माफी दी हुई है। जिसे बंद करने से वोट बैंक का नुक्सान होने के डर से केंद्र की शर्त नहीं मानी गई। इसी तरह लागत पूरी न होने की सबसे बड़ी वजह अवैध कनैक्शनों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

अब केन्द्र ने स्मार्ट सिटी व अटल मिशन के तहत जो ग्रांटें मंजूर की है। उनके लिए भी कुछ ऐसी ही शर्तें लगाई हैं, जिसमें लागत की भरपाई की जगह रिकवरी का पहलु शामिल है। सरकार के मुताबिक जिस नगर निगम के बकाया बिलों की रिकवरी 90 फीसदी हुई, उसे 10 फीसदी अतिरिक्त भी दिए जाएंगे। जबकि लुधियाना निगम अब तक सिर्फ 70 फीसदी आंकड़े पर ही पहुंची है। जिसे पूरा करने के लिए केन्द्र ने मदद की पेशकश की है। उसके तहत बकायदा कम्पनी लगाई जाएगी, जो निगम का सिस्टम अपग्रेड करके डिफाल्टरों को नोटिस भेजने तथा उनको बाकी की सुविधाएं न मिलने की सूचना दूसरी ब्रांचों को सूचित करने संबंधी सॉफ्टवेयर तैयार करेगी। यही कम्पनी लोगों को जागरूक करने तथा रिकवरी के लिए कैंप लगाने का काम भी कर सकती है। 

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