Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Sep, 2017 04:54 PM
कांग्रेस को इस समय राहु महादशा में शनि की अन्तर्दशा में राहु व गुरु का प्रत्यंतर 22 अप्रैल 2018 तक चलेगा। लगन कुंडली में शनि दूसरे व तीसरे भाव का स्वामी दूसरे तथा पांचवे भाव के स्वामियों शनि तथा मंगल का राशि परिवर्तन है।
जालंधर (धवन): कांग्रेस को इस समय राहु महादशा में शनि की अन्तर्दशा में राहु व गुरु का प्रत्यंतर 22 अप्रैल 2018 तक चलेगा। लगन कुंडली में शनि दूसरे व तीसरे भाव का स्वामी दूसरे तथा पांचवे भाव के स्वामियों शनि तथा मंगल का राशि परिवर्तन है।
कनाडा के ज्योतिषी प्रो. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि शनि के 8वें भाव के स्वामी चंद्रमा से युक्त होने तथा केतु से दृष्ट होने के कारण शनि में कुछ कमियां रह जाती हैं, जिस कारण कई बार कांग्रेस पर आरोप लगते हैं। कांग्रेस के कई नेताओं के विरुद्ध षडय़ंत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि शनि शुक्र की तुला राशि में उच्च का होता है। शनि को शुक्र तुला से देख रहा है। कुल मिलाकर कांग्रेस की कुंडली प्रबल है। नवांश कुंडली में भी शनि 11वें स्थान पर कांग्रेस को लाभ देने के लिए वचनबद्ध है। बृहस्पति 12 सितम्बर 2017 को शनि की उच्च राशि तुला में लगन से 11वें भाव में संचार करेगा। 26 अक्तूबर 2017 को अन्तर्दशा स्वामी शनि गोचर में कांग्रेस की कुंडली के 12वें भाव में सूर्य, बुध तथा नैप्चयून से हटकर लगन में आ जाएगा। इससे शनि भी शुभ हो जाएगा। कुल मिलाकर ग्रह चाल अब कांग्रेस के पक्ष में होने जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब जन कल्याण के मुद्दों को उठाएगी तथा छोटे दलों को साथ लेकर गठबंधन करके राज्यों में न केवल अपनी स्थिति को सुधारेगी बल्कि कई राज्यों में कांग्रेस का शासन बनने की भी प्रबल संभावना है क्योंकि 9वां भाव राज्य शासन का होता है। 10वां भाव शासन का है तथा दोनों का स्वामी शनि है। राज्य चुनावों में कांग्रेस को वोट प्रतिशत तथा सीटें बढ़ेगी। कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार भी बनेगी। 26 अक्तूबर 2017 से 22 अप्रैल 2018 तक भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को कांग्रेस मुक्त बनाने के अभियान को तगड़ा झटका लगेगा। इसी समय भाजपा के कई राज्यों में झटका लग जाएगा। राहु लगन कुंडली में तीसरे भाव में कांग्रेस के आत्मविश्वास और कार्यक्रमों को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष भी कांग्रेस कई राज्यों में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। दूसरे भाव के स्वामी शनि पर बृहस्पति की दृष्टि होने से कांग्रेस की अन्तर्कलह पर रोक लगेगी तथा पार्टी की एकजुटता बढ़ेगी।