Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 May, 2017 12:51 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और गांव मौड़ कलां वासियों में गुरुद्वारा साहिब की 130 एकड़ जमीन के कब्जे के लिए चल रहा विवाद
मौड़ मंडी (प्रवीन): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और गांव मौड़ कलां वासियों में गुरुद्वारा साहिब की 130 एकड़ जमीन के कब्जे के लिए चल रहा विवाद अपनी चर्म सीमा पर पहुंच गया है जिसके चलते गांववासियों ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष कृपाल सिंह बडूंगर का पुतला फूंककर शिरोमणि कमेटी सदस्यों के खिलाफ नारेबाजी की।
फूंका बडूंगर का पुतला
इस अवसर पर लोकल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरचरन सिंह, भूपिंद्र सिंह, कुलवंत सिंह कैलासा, जगदीश सिंह भोला ने बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष द्वारा 29 अप्रैल, 2006 को डिप्टी कमिश्नर भटिंडा राहुल भंडारी द्वारा बनाई गई कमेटी को अखौती कमेटी करार देना बहुत ही निंदायोग्य है जिससे गांववासियों को भारी ठेस पहुंची है और उनको शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष का पुतला फूंकने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने एस.जी.पी.सी. सदस्यों पर बरसते हुए कहा कि गुरुद्वारा साहिब पातशाही 9वीं मौड़ कलां को 130 एकड़ जमीन महाराजा पटियाला के पुरखों द्वारा दान दी गई थी परन्तु कुछ शिरोमणि कमेटी सदस्यों ने अपने निजी हितों के लिए दान दी गई जमीन को बांटने के यत्न किए जा रहे हैं।
क्या है मामला : आज से 11 वर्ष पहले गुरुद्वारा साहिब पातशाही 9वीं मौड़ कलां पर कब्जे को लेकर गांववासियों और ग्रंथी प्रीत्म सिंह के समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें गांव के एक युवक की मौत हो गई थी और 10 व्यक्ति गंभीर घायल हो गए थे। पुलिस ने ग्रंथी प्रीत्म सिंह व साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और डिप्टी कमिश्नर राहुल भंडारी ने 29 अप्रैल, 2006 को लोकल कमेटी बनाकर गुरुद्वारा साहिब का प्रबंध उसको सौंप दिया था। उसके बाद ग्रंथी प्रीत्म सिंह और शिरोमणि कमेटी का सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था। इस दौरान ग्रंथी प्रीत्म सिंह की 2009 में मौत हो गई परन्तु कु छ समय पहले लोकल गुरुद्वारा कमेटी को नजरअंदाज करते हुए ग्रंथी स्वर्गीय प्रीत्म सिंह के पारिवारिक सदस्यों ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ समझौता कर लिया और 100 एकड़ जमीन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नाम और 30 एकड़ ग्रंथी प्रीत्म सिंह के नाम होने के लिए कोर्ट में अपनी सहमति से दे दी। इसके आधार पर माननीय अदालत ने 30 एकड़ जमीन ग्रंथी प्रीत्म सिंह के नाम और 100 एकड़ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के नाम करने का वर्ष 2011 में फैसला सुना दिया जिसके बाद स्वर्गीय प्रीत्म सिंह के पुत्रों ने विरासत का इंतकाल अपने नाम करवा लिया। ए.डी.सी. भटिंडा परमपाल कौर सिद्धू द्वारा 4 जुलाई, 2016 को उक्त जमीन के लिए कब्जा वारंट जारी कर दिए थे। गांववासियों ने इसका विरोध कर दिया और उनका कहना था कि अगर जमीन शिरोमणि कमेटी की है तो ग्रंथी के परिवार को 30 एकड़ जमीन किस आधार पर दी जा रही है। जिस कारण गांववासियों द्वारा शिरोमणि कमेटी का विरोध किया जा रहा है।