रोते हुए शहीद के बच्चों ने लगाई थी एक ही रट-जल्द वापस आएंगे पापा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 11:37 AM

children of martyr had put the same word soon will return to papa

सेना में 10 सिख रैजीमैंट में बतौर हवलदार तैनात गांव रायचक्क का पलविंदर सिंह आतंकियों से लोगा लेते हुए शहीद हो गया। जानकारी के अनुसार श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर खन्नेवाल में जवानों के साथ पलविंदर गश्त पर थे। अचानक सीमा के पास छुपे बैठे आतंकियों से...

बटाला(बेरी, सैंडी): सेना में 10 सिख रैजीमैंट में बतौर हवलदार तैनात गांव रायचक्क का पलविंदर सिंह आतंकियों से लोगा लेते हुए शहीद हो गया। जानकारी के अनुसार श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर खन्नेवाल में जवानों के साथ पलविंदर गश्त पर थे। अचानक सीमा के पास छुपे बैठे आतंकियों से उनकी मुठभेड़ हो गई।PunjabKesari
आतंकियों का सामना करते हुए पलविंदर सिंह शहीद हो गए। उसकी गर्दन में गोली लगी थी। वह इन दिनों जम्मू-कश्मीर में तैनात थे और करीब पिछले 17 सालों से फौज में अपनी सेवाएं निभा रहे थे। पलविंदर सिंह का जन्म वर्ष 1980 में गांव रायचक्क में माता सुरजीत कौर की कोख से पिता संतोख सिंह के घर हुआ था। प्राइमरी शिक्षा गांव रायचक्क से हासिल करने के बाद उसने मैट्रिक गांव के सरकारी स्कूल से पास की और 1999 में 10 सिख रैजीमैंट में भर्ती हो गया।PunjabKesari
इस समय श्रीनगर के काजीगुंड क्षेत्र में ड्यूटी पर था। उस के पिता संतोख सिंह भी बी.एस.एफ. में थे जिन्होंने 1965 व 1971 की जंग लड़ी थी।  शहीद पलविंदर सिंह के पैतृक गांव रायचक्क में पंजाब केसरी की टीम पहुंची तो समूचा गांव शोक में डूबा दिखाई दिया। पारिवारिक सदस्यों व शहीद पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल हुआ पड़ा था। बुजुर्ग माता-पिता को क्या पता था कि उनका जवान बेटा उनसे पहले ही देश पर खुद को कुर्बान कर शहीदी का जाम पी जाएगा। PunjabKesariशहीद की 9 साल की बेटी सिमरनजीत कौर और 6 साल का बेटे  सहजप्रीत सिंह ने रोते हुए एक ही रट लगाई हुई थी 15 दिन पहले ही पापा ड्यूटी पर गए थे... तब कहा था कि जल्द वापस आएंगे...वह तो हमारे लिए खिलौने भी लाएंगे और घुमाने भी ले जाएंगे।  वहीं शहीद की पत्नी पलविंदर कौर का कहना है कि उसे अपने पति के खोने का गम है, लेकिन अपने पति की शहादत पर पूरी उम्र गर्व रहेगा।PunjabKesariशहीद के भाई दविंदर सिंह ने बताया कि पलविंदर के शहीद होने के बारे में उन्हें फोन पर बताया गया था। पिता संतोख सिंह का कहना है कि उन्हें भी अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, क्योंकि देश के लिए कोई-कोई ही कुर्बान होता है। उनके बेटे ने देश के लिए कुर्बानी दी है।PunjabKesari देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। शहीद हवलदार पलविंदर सिंह की पार्थिव देह  6 दिसम्बर को उसके पैतृक गांव रायचक्क पहुंच रही है। जहां राजकीय सम्मान सहित शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। विभिन्न शख्सियतें वहां पहुंचकर शहीद पलविंदर सिंह को अपनी सजल आंखों से अंतिम विदाई देने के साथ-साथ श्रद्धांजलि भेंट करेंगी। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!