Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 10:48 AM
सैंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम के 10 अधिकारियों को रिजर्वेशन के आधार पर मिली प्रोमोशन कैट की डबल बैंच के जस्टिस एम.एस. सुल्लर और प्रशासनिक सदस्य पी. गोपीनाथ ने रद्द कर दी है।
चंडीगढ़ (ब्यूरो) : सैंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम के 10 अधिकारियों को रिजर्वेशन के आधार पर मिली प्रोमोशन कैट की डबल बैंच के जस्टिस एम.एस. सुल्लर और प्रशासनिक सदस्य पी. गोपीनाथ ने रद्द कर दी है। ट्रिब्यूनल ने प्रतिवादी पार्टी बनाए गए 10 अधिकारियों की प्रोमोशन के आदेश पलटते हुए संबंधित अथॉरिटी को 3 माह में नियमानुसार नई सीनियोरिटी लिस्ट बनाने के आदेश दिए हैं। विभाग के एक सामान्य वर्ग के अधिकारी द्वारा दायर याचिका मंजूर करते हुए ट्रिब्यूनल ने रिजर्वेशन के आधार पर मिली प्रोमोशन को अवैध पाया।
उल्लेखनीय है कि लुधियाना स्थित कमिश्नर ऑफ कस्टम में बतौर सुपरिंटैंडैंट ऑफ कस्टम तैनात महेशइंद्र सिंह ने याचिका दायर की थी। इसमें 16 प्रतिवादियों में से 10 विभाग के अधिकारी/कर्मचारी थे। याचिका के अनुसार सभी 10 कर्मियों को विभाग ने गलत तरीके से प्रोमोशन दी थी।
याचिका के अनुसार संबंधित अथॉरिटी ने नियमों की अनदेखी कर ढींडसा से जूनियर्स को सुपरिंटैंडैंट ऑफ कस्टम के पद से असिस्टैंट कमिश्नर ऑफ कस्टम एंड सैंट्रल एक्साइज पद पर रिजर्वेशन के आधार पर प्रोमोशन दे दी। ढींडसा के अनुसार सभी 10 अधिकारियों की प्रोमोशन में सुप्रीम कोर्ट के नियमों की अनदेखी की गई है।
रिकार्ड के अनुसार याचिकाकत्र्ता और प्रतिवादी पक्ष के सभी 10 कर्मियों ने 1992 में प्रिवैंटिव ऑफिसर (कस्टम) के तौर पर ज्वाइन किया था। प्रतिवादी पक्ष के सभी 10 अधिकारियों को 17 अक्तूबर, 2002 में सुपरिंटैंडैंट्ïस ऑफ कस्टम के पद पर प्रोमोट कर दिया गया। वहीं याचिकाकत्र्ता जो उनसे सीनियर था उसे सामान्य वर्ग से होने पर मई, 2013 में प्रोमोट किया गया।